चेन्नै. इंग्लैंड ने भारत को चेन्नै में सीरीज के पहले मैच में 227 रनों से हरा दिया। भारत के सामने चौथी पारी में 420 रन का लक्ष्य था, लेकिन मंगलवार को मैच के आखिरी दिन भारत की दूसरी पारी 192 रन पर सिमट गई। कप्तान कोहली ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा 72 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से बाएं हाथ के स्पिनर जैक लीच ने चार विकेट लिए।
भारतीय जमीन पर रन के लिहाज से इंग्लैंड की यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले इंग्लैंड ने भारत को उसी के घर में 212 रन से 2006 मुंबई में हराया था। साथ ही टीम इंडिया की चेन्नई के चेपक स्टेडियम में 22 साल बाद टेस्ट में पहली हार है। भारत को यहां पिछली बार जनवरी 1999 में पाकिस्तान के हाथों 12 रन से हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद टीम इंडिया यहां आठ टेस्ट मैच खेल चुकी है। इनमें पांच में भारत को जीत मिली और तीन ड्रॉ रहे हैं।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 578 और दूसरी पारी में 178 रन बनाए थे। जबकि, टीम इंडिया ने पहली पारी में 337 रन बनाए थे। इस लिहाज से उसे जीत के लिए 420 रन का टारगेट मिला था, जिसे टीम इंडिया हासिल नहीं कर सकी और दूसरी पारी में 192 रन पर सिमट गई। 420 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 25 रन पर पहला विकेट गंवा दिया था। ओपनर रोहित शर्मा 12 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद टीम ने 117 रन तक 6 विकेट गंवा दिए। चेतेश्वर पुजारा (15 रन), शुभमन गिल (50 रन) और ऋषभ पंत (11 रन) बनाकर पवेलियन लौट गए। जबकि अजिंक्य रहाणे और वॉशिंगटन सुंदर खाता भी नहीं खोल सके। इसके बाद कप्तान विराट कोहली (72) ने रविचंद्रन अश्विन के साथ 7वें विकेट के लिए 105 बॉल पर 54 रन की पार्टनरशिप कर पारी को संभालने की कोशिश की। हालांकि, अश्विन और फिर कोहली दोनों ही पवेलियन लौट गए।
स्पिनर जैक लीच ने भारतीय टीम के 4 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा। उन्होंने रविचंद्रन अश्विन (9) को विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों कैच आउट कराया। अश्विन ने कोहली के साथ 7वें विकेट के लिए 54 रन की पार्टनरशिप की। लीच ने रोहित शर्मा (12 रन) और चेतेश्वर पुजारा (15 रन) को भी पवेलियन भेजा। शाहबाज नदीम को उन्होंने खाता भी नहीं खोलने दिया।
पहली पारी में टीम इंडिया ने 44 रन तक भारत ने अपने दोनों ओपनर गंवा दिए। रोहित शर्मा 6 रन और शुभमन गिल 29 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान विराट कोहली (11 रन) और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (1 रन) भी कुछ खास नहीं कर सके। इसके बाद पंत और पुजारा ने पांचवें विकेट के लिए 145 बॉल पर 119 रन की पार्टनरशिप कर भारतीय पारी को संभाला।
इसके बाद सुंदर और अश्विन के बीच सातवें विकेट के लिए 80 रन की पार्टनरशिप हुई। इसकी बदौलत भारत 337 के स्कोर तक पहुंच सका। भारत के लिए पंत ने सबसे ज्यादा 91 रन बनाए। वहीं, सुंदर 85 रन बनाकर नॉटआउट रहे। पुजारा 73 रन बनाकर आउट हुए। इंग्लैंड की ओर से डॉम बेस ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। वहीं, लीच, एंडरसन और जोफ्रा आर्चर को 2-2 विकेट मिले।
इंग्लैंड की रन के लिहाज से चेन्नई में भी सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले उसने 1934 में टीम इंडिया को 202 रन से हराया था। इंग्लिश टीम चेन्नई में खेले गए 1977 के टेस्ट में भारत को 200 रन से भी हरा चुका है। ओवरऑल भारत अपने घर में रन के लिहाज से 342 रन से हार चुका है। उसे 2004 के नागपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने हराया था।
भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस हार के बाद माना कि उनकी टीम ने इंग्लैंड पर ज्यादा दबाव नहीं डाला। तेज गेंदबाजों और अश्विन ने पहल पारी में अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन साथ ही हमें रनों पर लगाम लगाने की जरूरत थी, ताकि कुछ दबाव बनाया जा सके।’ कोहली ने हालांकि माना कि यह विकेट की भूमिका भी काफी अहम रही। उन्होंने कहा, ‘यह धीमा विकेट था और गेंदबाजों को उस तरह की मदद नहीं मिल रही थी, जिससे बल्लेबाजों के लिए छोर बदलना आसान हो गया था। ऐसा लगा कि पहले दो दिनों में विकेट से गेंदबाजों के लिए कोई खास मदद नहीं थी।’