वुहान. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई। पिछले साल नवंबर में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला यहां के मांस बाजार में पाया गया था। चीनी अधिकारियों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जनवरी में बाजार बंद करने का फैसला लिया था और वन्यजीवों के व्यापार और खपत पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। संगठन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वुहान के बाजार ने संक्रमण के प्रसार में भूमिका निभाई, जबकि वुहान के वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह प्रकृतिक रूप से फैला है।
बहरहाल, जिस कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है, उसकी उत्पति को लेकर शुरू से ही चीन कटघरे में है। डोनाल्ड ट्रंप की तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने इस मामले पर कड़ा रूख अपनाया था, लेकिन अब सत्ता बदल चुकी है और वुहान पहुंची डबल्यूएचओ की टीम आज अपनी जांच की निष्कर्ष रिपोर्ट जारी करेगी। साफ है कि अमेरिका के प्रभाव से वह किनारे ही रहेगी।
कोरोना शुरुआत एक नए किस्म के कोरोनवायरस (2019-nCoV) के संक्रमण के रूप में मध्य चीन के वुहान शहर में 2019 के मध्य दिसंबर में हुई थी। बहुत से लोगों को बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा और यह देखा गया की पीड़ित लोगों में से अधिकतर लोग वुहान सी फूड मार्केट में मछलियां बेचते हैं तथा जीवित पशुओं का भी व्यापर करते हैं। चीनी वैज्ञानिकों ने बाद में कोरोनावायरस की एक नई नस्ल की पहचान की जिसे 2019-nCoV प्रारंभिक नाम दिया गया। इस नए वायरस में कम से कम 70 प्रतिशत वही जीनोम अनुक्रम पाए गए जो सार्स-कोरोनावायरस में पाए जाते हैं।
23 जनवरी 2020 को, वुहान को अलग रखा गया था, जिसमें वुहान के अंदर और बाहर सभी सार्वजनिक परिवहन को निलंबित कर दिया गया था। 24 जनवरी से आस-पास के शहर हुआंगगांग, इझोउ, चबी, जिंगझोउ और झीझियांग को भी अलग में रखा गया था। 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को अंतर्रराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप होते रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम तमाम आरोपों की जांच के लिए 14 जनवरी को चीन पहुंची थी। जांच टीम ने सी फूड मार्केट का दौरा भी कया था। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भी कोरोना अनुसंधान शोध में शामिल हुआ था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ब्रीफिंग शाम 4.00 बजे (स्थानीय समय) होगी।