मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की

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नई दिल्ली . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील की। उन्होंने एक बार फिर आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी खत्म नहीं होगी।

प्रधानमंत्री राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि आंदोलन करने वाले किसानों से सरकार की वार्ता जारी है। विपक्ष के हमले को लेकर कहा कि गालियां मेरे खाते में जाने दो। अच्छा आपके खाते में, बुरा मेरे खाते में। आओ मिलकर अच्छा करें। आंदोलन में बूढ़े लोग भी बैठे हैं, इसे खत्म करें। आइए, मिलकर चर्चा करते हैं। ये समय खेती को खुशहाल बनाने का है, जिसे गंवाना नहीं है। पक्ष-विपक्ष हो, इन सुधारों को हमें मौका देना चाहिए। ये भी देखना होगा कि इनसे ये लाभ होता है या नहीं। मंडियां ज्यादा आधुनिक हों। MSP था, है और रहेगा। आबादी बढ़ रही है, जमीन के टुकड़े छोटे हो रहे हैं, हमें कुछ ऐसा करना होगा कि किसानी पर बोझ कम हों और किसान परिवार के लिए रोजगार के अवसर बढ़ें। हम अपने ही राजनीतिक समीकरणों के फंसे रहेंगे तो कुछ नहीं हो पाएगा।

विपक्ष को लोकतंत्र समझने की जरूरत है। मौके पर चौका लगाने वाले कई राजनीतिज्ञ यू-टर्न मार रहे हैं। सियासत हावी तो अपने विचार छूट जाते हैं। कुछ लोग हैं जो भारत को अस्थिर-अशांत देखना चाहते हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। आजादी मिली तो सबसे ज्यादा पंजाब को नुकसान हुआ। इसके पीछे कौन ताकतें हैं, हर सरकार ने इसको जाना है, परखा है और जांचा है। कुछ लोग हमारे सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख भाई पर गर्व करता है। देश के लिए क्या कुछ नहीं किया उन्होंने।

उन्होंने कृषि कानून को लेकर हो रहे आंदोलन से लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही बयानबाजी तक हर बात का जवाब दिया। कहा- आंदोलनकारियों से सरकार की बात चल रही है। कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। मेहरबानी कर के भ्रम न फैलाएं।कृषि कानूनों पर विपक्ष के विरोध की तुलना पीएम मोदी ने शादी में नाराज होने वाले रिश्तेदारों से की। उन्होंने कहा जब इतना बड़ा परिवार है तो यह सब लगा रहता है। आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें देश को आगे ले जाना होगा। एमएसपी है, एमएसपी था और एमएसपी रहेगा…।

तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि श्रमजीवी, बुद्धजीवी के बाद नई जमात सामने आई है आंदोलनजीवी। स्टूडेंट हो या कोई भी आंदोलन हो वहां शामिल हो जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। जहां-जहां सरकार चलाते होंगे वहां यह नजर आते होंगे। नया एफडीआई आया है?नया एफडीआई यानी फारेन डिस्ट्रक्टिव एक्टिविटी। देश को इससे बचना होगा।

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