भारतीय जनता पार्टी नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवसेना के गढ़ सिंधुदुर्ग से सूबे की गठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में वो पूर्व सीएम और बीजेपी से राज्यसभा सांसद नारायण राणे के मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने के लिए एक दिवसीय दौरे पर थे. शाह ने सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया और उद्धव ठाकरे पर जनता के जनादेश का अनादर करने का आरोपी बताया.
मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सत्ता की लालसा में ‘अपवित्र गठबंधन’ किया. उन्होंने कहा कि अगर हमारे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज की शिवसेना की राह चलते तो शायद शिवसेना का अस्तित्व ही नहीं बचता. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ बालासाहब के सिद्धांतों को खत्म कर दिया गया है. हमने जब धारा 370 खत्म की तो ये डरते हुए बोलते हैं हम स्वागत करते हैं. फिर राम मंदिर बना तो भी असमंजस दिखा. अरे भैया किससे डर रहे हो? हम तो नहीं डरते डंके की चोट पर बोलते है जो बोलते हैं.’
शाह ने कहा कि चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे अपनी फोटो से बड़ी फोटो पीएम मोदी की लगाते थे. मेरे साथ और मोदी जी के साथ भी रैली की तब तो कुछ नहीं बोले. चुनाव प्रचार के दौरान हमने सबके सामने बोला था की फड़नवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सूबे की उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ यहां तीन पहिये वाली सरकार है. जहां तीनो पहिए अलग अलग चलते हैं. इसलिए आज मैं महाराष्ट्र की जनता को याद दिलाना चाहता हूं कि वो हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हमने वादा तोड़ा है. वो कहते हैं कि बंद कमरे में बैठक हुई थी ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था ये झूठ है. ऐसे में एक बार फिर उनको याद दिला दूं कि बिहार में भी हमारी सीटें ज्यादा आईं लेकिन हमने नितीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया. जबकि उन्होंने खुद कहा कि भाजपा की सीटें ज्यादा हैं इसलिए आपका मुख्यमंत्री होना चाहिए.’
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के आयोजन में कोरोना संक्रमण के दौरान देश ने किस तरह बहादुरी से मुकाबला किया उस पर भी गृह मंत्री शाह ने विस्तार से अपनी बात रखी. शाह ने कहा, ‘हमारा रिकवरी रेट भी बहुत अच्छा है. मुझे भी कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था, बहुत सारे लोग इससे खुश भी हुए थे. जब मुझे कोरोना हुआ था तो भी मैं डॉक्टरों से ही बात करता रहता था. दुनियाभर में कोरोना से अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो डॉक्टर और सरकार ने लड़ी, लेकिन भारत में जन जन ने और सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़ी.