ग्रेटा थनबर्ग का नाम इन दिनों चर्चा है और इसकी मुख्य वजह है कि गत तीन दिनों से वह भारत में कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में वह लगातार लिख रही हैं। ग्रेटा स्वीडन की नागरिक और क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। ग्रेटा थनबर्ग बुधवार को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर लिखा था। साथ ही उन्होंने एक टूलकिट डॉक्यूमेंट भी शेयर किया थी।
अब खबर थी कि इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ प्राथमिक (FIR ) दर्ज की है, लेकिन अब जानकारी निकल कर सामने आई है कि दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की है। दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिक दर्ज करने की खबर के बाद भी ग्रेटा ने सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन में लिखा। ग्रेटा ने कहा मैं अब भी किसानों के साथ खड़ी हूं। कोई डर या धमकी इसे बदल नहीं सकता।
इससे पहले ग्रेटा ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया पर लिखा था कि हम भारत के किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाते हैं। इसके बाद उन्होंने बुधवार देर रात सोशल मीडिया पर टूलकिट नाम का एक डॉक्यूमेंट शेयर किया। थोड़ी देर बाद उन्होंने इसे डिलीट करके अपडेट टूलकिट शेयर की, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
आइए आपको बता दें कि टूलकिट क्या होता है। टूलकिट एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर समर्थन कैसे जुटाया जाए, किस तरह के हैशटैग का इस्तेमाल किया जाए, प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो कहां कॉन्टैक्ट करें? इस दौरान क्या करें और किसी चीज को करने से बचें? इन सभी बातों की जानकारी होती है।
आपको बता दें कि गत वर्ष अमेरिका में पुलिस ने एक अश्वेत की सड़क पर हत्या कर दी थी। इसके बाद ‘ब्लैक लाइफ मैटर’ कैंपेन शुरू हुआ था। भारत समेत दुनियाभर में लोगों ने अश्वेत लोगों के पक्ष में आवाज उठाई थी। इस आंदोलन को चलाने वालों ने भी एक टूलकिट तैयार की थी, जिसमें आंदोलन को लेकर कई बातें बताई गईं थीं, जैसे- आंदोलन में कैसे जाएं, किस जगह पर जाएं, कहां न जाएं, पुलिस एक्शन ले तो क्या करें? प्रदर्शन के दौरान किस तरह के कपड़े पहनें,ताकि आंदोलन में आसानी हो। पुलिस पकड़ ले तो क्या करें। इस बारे में आपके आधिकार क्या हैं? अमेरिका के अलावा चीन के खिलाफ हांगकांग में चल रहे आंदोलन में भी टूलकिट को शेयर किया गया था।
अब सवाल यह पैदा हो रहा है कि ग्रेटा स्वीडन की नागरिक है और प्राथमिकी दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में दर्ज की है, तो इसके क्या मायने हैं। क्या दिल्ली पुलिस ग्रेटा के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि नहीं। विशेषज्ञों के मुताबिक इस प्राथमिकी के कोई मायने नहीं है।
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