गोरखपुर. इतिहास बन चुके चौरी-चौरा कांड को फिर से जीवंत करने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगी हुई है। आज गुरुवार को शुरू हो रहे इस समारोह को अगले एक साल तक मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सभी 75 ज़िलों में आयोजित किया जाएगा। 4 फरवरी 2022 को इसका समापन होगा। इसके तहत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। बता दें कि महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के दौरान 4 फरवरी 1922 को कुछ लोगों की गुस्साई भीड़ ने गोरखपुर के चौरी-चौरा के पुलिस थाने में आग लगा दी थी। इसमें 23 पुलिस वालों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद महात्मा गांधी ने अपने असहयोग आंदोलन को खत्म कर दिया था।
इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को कभी चौरा चौरी की घटना नहीं भूलनी चाहिए, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक थाने में आग लगाने की घटना नहीं थी, इससे एक बड़ा संदेश अंग्रेजी हुकूमत को दिया गया। इस घटना को इतिहास में सही जगह नहीं दी गई, लेकिन हमें उन शहीदों को सलाम करना चाहिए। अंग्रेजी हुकूमत सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देने पर तुली थी, लेकिन मालवीय जी, बाबा राघवदास की कोशिशों से सैकड़ों लोगों को बचा लिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने युवा लेखकों को स्वतंत्रता सेनानियों पर किताब लिखने के लिए आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा उनकी जमीन पर किसी की बुरी नजर नहीं पड़ेगी। बजट में किसानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं, मंडी में किसानों के फायदे के लिए उसे कहीं भी फसल बेचने की आजादी होगी। सरकार द्वारा लिए गए सभी फैसले किसान के लाभ का आधार बनेंगे।