भारत सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन चरम पर है. किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे हैं. सरकार पर दबाव के लिए किसान रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस कड़ी में हरियाणा के जींद जिले में किसानों की महापंचायत हुई. इस दौरान महापंचायत का मंच टूटने से किसान नेता राकेश टिकैत मंच से गिर गए और उन्हें उन्हें हल्की चोट लगी हैं.
जिस वक्त मंच टूटा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता मंच पर मौजूद थे, जो गिर गए. किसानों को हल्की चोट लगी है. हालांकि इसके बावजूद राकेश टिकैत ने भाषण दिया और किसानों को संबोधित किया.
राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में कहा, ‘हम खाप पंचायतों को मानने वाले हैं. न आफिस बदलेंगे, न मंच बदलेंगे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘राजा डरता है तो किले बंदी करता है. सरकार की हिम्मत नहीं जो कीलों से हमें रोक सकें. युद्ध में घोड़े नहीं बदलते.’ राकेश टिकैत ने किसानों से कहा, ‘आपको दिल्ली जाने की जरुरत नहीं, अपना गुस्सा हमें दे दें.’
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 70 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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