Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय पहुंचे सीतारण तथा अनुराग, आम लोगों तथा कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय पहुंचे सीतारण तथा अनुराग, आम लोगों तथा कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 11 बजे संसद में बजट पेश पेश करेंगी। यह उनका तीसरा बजट होगा। इससे पहले वित्त सीतारमण तथा वित्त  राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर वित्त मंत्रालय पहुंचे। बजट से आम लोगों और कारोबारी जगत, दोनों को काफी उम्मीदें हैं। इसकी वजह पिछले साल 18 दिसंबर का सीतारण का बयान है, जिसमें  उन्होंने कहा था कि इस बार जैसा बजट पिछले 100 साल में नहीं आया होगा। 29 जनवरी को संसद में पेश इकोनॉमिक सर्वे में इसके संकेत मिले हैं।

आर्थिक सर्वे तैयार करने वाले मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा था कि समय आ गया है जब सरकार अपना खर्च बढ़ाए और लोगों पर से टैक्स का बोझ कम करे। वहीं बजट पेश होने से पहले वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बजट लोगों की उम्मीदों के अनुरूप ही रहेगा। सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र पर ही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट से आत्मनिर्भर भारत पैकेज को नई दिशा मिलेगी। साथ ही कोरोना महामारी को रोकने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में हम कामयाब होंगे।

सरकार ने पिछले साल इनकम टैक्स की नई व्यवस्था लागू की थी। इसमें एनपीएस (NPS) यानी नेशनल पेंशन सिस्टम के अलावा और कोई छूट नहीं है। इसलिए बहुत कम लोगों ने ही इस विकल्प को चुना। हालांकि सरकार ने इसका कोई आंकड़ा नहीं बताया है। सीतारमण आज इस बारे में कोई आंकड़ा दे सकती हैं।

इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए सरकार पीएप (PF),  एलटीसी (LTC)  और डोनेशन पर टैक्स में छूट दे सकती है। वित्त मंत्री की कुछ घोषणाओं पर कोरोना का असर भी दिख सकता है। नौकरीपेशा से जुड़े लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार रुपए से बढ़ाई जा सकती है। सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को भी बढ़ाया जा सकता है। अभी तक 80C के तहत इन्वेस्टमेंट की लिमिट 1.5 लाख रुपए है। इसमें भी वृद्धि हो सकती है।

बजट में हेल्थकेयर पर खर्च सबसे ज्यादा बढ़ने की संभावना है। कोरोना वैक्सीन पर 25 से 30 हजार करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। गत वर्ष का स्वास्थ्य बजट 67,484 करोड़ रुपए का था। सरकार इसे दोगुना कर सकती है। नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 में केंद्र की तरफ से हेल्थकेयर पर जीडीपी (GDP) सकल घरेलू उत्पाद का 2.5-3 प्रतिशत तक खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 2019-20 में यह महज 1.5 प्रतिशत तक ही पहुंच सका। वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च के मामले में 189 देशों में भारत 179वें स्थान पर है।

अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए सरकार किफायती घर खरीदने पर इन्सेंटिव दे सकती है। सरकार पिछले साल की तरह ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक अतिरिक्त छूट को और एक साल के लिए बढ़ा ही सकती है। सरकार ने गत पर इनकम टैक्स कैलकुलेशन में होम लोन पर ब्याज में 2 लाख रुपए की मिलने वाली छूट को बढ़ाकर कुल साढ़े तीन लाख रुपए कर दिया गया था।

वैश्विक महामारी कोरोना का सबसे बुरा असर पढ़ाई पर पड़ा है। इसके कारण लगभग सालभर से ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, दो साल पहले जहां 36.5 प्रतिशत ग्रामीण छात्रों के पास स्मार्टफोन, लैपटॉप या कंप्यूटर थे, अब 61.8 फीसदी के पास हो गए हैं। सरकार इस व्यवस्था को मजबूत बनाने के  लिए ग्रामीण छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट मुफ्त में देने की कोई स्कीम लाई जा सकती है।

कोविड-19 की वजह से असंगठित क्षेत्र के मजदूर ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन ने दिसंबर में ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2020-21 जारी की थी, जिसके अनुसार संगठित क्षेत्र में वेतन 3.6 प्रतिशत  कम हुआ है, लेकिन असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की कमाई 22.6 फीसदी घटी है। कर्मचारियों की छंटनी और दूसरे खर्चे घटाने से लिस्टेड कंपनियों का प्रॉफिट 25 प्रतिशत तक बढ़ा है। बजट में प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं।

सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कुछ चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है। गत वर्ष मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स पार्ट्स सहित कई चीजों पर ड्यूटी बढ़ाई गई थी। आपको बता दें कि इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने पर विदेश से आने वाला सामान महंगा होता है। इससे देश में बनने वाले सामान की बिक्री बढ़ जाती है। छोटे कारोबारियों के लिए जीएसटी (GST) वस्तु एवं सेवा कर के नियम आसान बनाए जा सकते हैं।

 

Shobha Ojha

Recent Posts

कांग्रेस को समझ आया, झूठे वादे आसान नहीं: मोदी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः चुनावी वादों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी है। इस मसले…

4 days ago

अब 60 दिन पहले तक ही होगी ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग, कॉमर्शियल गैस सिलेंडर हुआ 62 रुपए तक महंगा, जानें 01 नवंबर से हुए बड़े बदलाव

दिल्लीः रेलवे टिकट की एडवांस बुकिंग अब आप 60 दिन पहले तक कर सकेंगे। पहले ये सुविधा 120 दिन पहले…

5 days ago

जहरीली हुई दिल्ली की हवा, एक्यूआई पहुंचा 400, जानें क्या है खतरा और उपाय

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। दिल्ली में देर रात…

5 days ago

जब भगवान श्रीकृष्ण ने चूर किया था इंद्र का घमंड, जानें कब है गोवर्धन पूजा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिल्ली: सनातन धर्म में पांच दिवसीय दीपोत्सव का विशेष महत्व है। धनतेरस के दिन से शुरू होने वाली दिपोत्सव का…

5 days ago

कई तरह के लाभ की होगी प्राप्त, भाई-दूज के दिन बस कर लें ये उपाय

दिल्लीः पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन भाई-दूज के साथ होता है। यह पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और…

5 days ago

31 तारीख की रात लक्ष्मी पूजा, 01 नवंबर को स्नान-दान की अमावस्या, 02 को गोवर्धन पूजा और 03 को भाई दूज

दिल्लीः मंगलवार, 29 अक्टूबर को धनतेरस के साथ दीपोत्सव शुरू रहा है। आपको बता दें कि इस साल दीपोत्सव 05…

1 week ago