file Picture

तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन रविवार को 67वें दिन भी जारी रहा। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद सरकार तथा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच दो फरवरी को अगले दौर की वार्ता होगी। मोदी ने शनिवार को बजट सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान कहा था कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था कि 22 जनवरी सरकार की ओर से किसानों को दिया गया प्रस्ताव अब भी कायम है। उन्होंने कहा कि वह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से महज एक फोन कॉल की दूरी पर हैं।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि सरकार गिरफ्तार किए गए हमारे लोगों को छोड़े और बातचीत के लिए मंच तैयार करे। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी की गरिमा को कायम रखेंगे, लेकिन हम अपना सम्मान भी सुरक्षित करेंगे। 26 जनवरी की घटना को साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही हम लोग इसका खुलासा कर देंगे। हम तिरंगे का भी कभी अपमान नहीं होने देंगे।

आपको बता दें कि 22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि नए कानूनों में कोई कमी नहीं है। यदि आप (किसान नेता) किसी फैसले पर पहुंचते हैं, तो बताएं। फिर हम उस पर चर्चा करेंगे। इसके पहले 20 जनवरी को हुई बैठक के दौरान सरकार ने डेढ़ साल तक नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और एमएसपीय (MSP) न्यूनतम समर्थन मूल्य  पर बातचीत के लिए समिति बनाने का प्रस्ताव रखा था।

इस बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है और कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने की बजाय उनकी परेशानियों को सुने। उन्होंने कहा है कि आंदोलन को दबाना समस्या का हल नहीं होगा, बल्कि हालात और बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के मामले का जल्द से जल्द हल निकलना राष्ट्रहित में है।

गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यूपी के मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में गाजीपुर जाने की अपील के बाद यूपी और हरियाणा से किसान वहां प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं, जिसके मद्देनजर पुलिस ने एहतियातन इन दोनों जगहों पर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में लाल किला सहित कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद सिंघु बॉर्डर पर 29 जनवरी को भी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। साथ ही दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड में शामिल ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की भी जांच कर रही है। पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी (CCTV ) फुटेज भी मिल हैं। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 38 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here