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भारत कोरोना वायरस से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है. इस महामारी के खात्मे के लिए देश में टीकाकरण अभियान तेजी पर है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दूसरे देशों की तुलना में कोविड-19 महामारी से काफी बेहतर तरीके से लड़ सका क्योंकि इसने ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ का रुख अपनाया. ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडियन ऑरिजन वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से ठीक होने की दर 97 फीसदी थी जबकि मृत्यु दर 1.44 फीसदी थी जो दुनिया में सबसे कम है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर्षवर्धन के हवाले से जारी बयान में कहा, “कोविड-19 महामारी दिसंबर 2019 में सामने आयी और पूरी दुनिया में फैल गयी. ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के रूख के साथ हम दूसरे देशों की तुलना में महामारी से बेहतर तरीके से लड़ सके.”

उन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूएचओ ने जब कोविड-19 को महामारी घोषित किया तो एक घंटे के अंदर कदम उठाने वाला पहला देश भारत था. आठ जनवरी को योजना बननी शुरू हो गई और 17 जनवरी तक दिशानिर्देश तैयार हो गए. उसी दिन व्यापक स्तर पर निगरानी शुरू हुई और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का पता लगाया जाना शुरू कर दिया गया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “भारत दुनिया का पहला देश था जिसने वायरस को पृथक किया. स्वास्थ्य ढांचे पर जोर देने के साथ हमने प्रयोगशालाओं की सुविधाएं एनआईवी में एक से लेकर 2362 कीं, 15 हजार से अधिक केंद्रों पर हमने 19 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था की. क्वारंटाइन के लिए 12 हजार क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए.” उन्होंने कहा, “रोजाना पांच लाख पीपीई किट बनाकर भारत ने आत्मनिर्भर होने की दिशा में साहसिक कदम बढ़ाया. छह महीने पहले जीनोम सिक्वेंसिंग कर हमने बायो-रिपोजिटरीज बनाए.”

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