तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन शनिवार को 66वें दिन भी जारी रहा। वहीं गत चार दिनों में किसान आंदोलन के दौरान दो बार हुई हिंसा को लेकर सरकार तथा पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाइयां हो रही है। ताजा मामले में कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

डॉ. थरूर, वरिष्ठ पत्रकारों और अन्य के खिलाफ उनके ट्वीट को लेकर दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने जिन पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, उनमें राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे और कारवां के तीन पत्रकार परेश नाथ, अनंत नाथ और विनोद के जोस के नाम शामिल हैं। इन सभी पर गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान दुर्घटना के दौरान मरे किसान की भ्रामक और गलत जानकारी देने का आरोप हैं।

वहीं पुलिस रैली में शामिल हुए ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की भी जांच कर रही है। साथ ही लोगों ने पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी (CCTV) फुटेज उपलब्ध कराए हैं।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) बीके सिंह ने बताया कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा से जुड़े वीडियो की जांच के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम को बुलाया गया है।

इस घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम शनिवार को लाल किले पहुंची। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस अब तक 38 एफआईआर दर्ज कर चुकी है तथा 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के तीनों अहम पॉइंट सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी की रात 11 बजे तक बंद कर दी है।

इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस की टीम ने शनिवार को जालंधर में छापा मारा।  जालंधर पुलिस ने बताया कि लाल किले की घटना में शामिल तरन तारन के दो युवकों के यहां छिपे होने की सूचना थी। इसलिए, दिल्ली पुलिस ने यहां के एक इलाके में छापा मारा, लेकिन आरोपी नहीं मिले।

आपको बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में लगभग 400 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

 

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