पटना. बिहार में नौकरियों को लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। एक तरफ, नीतीश सरकार ने 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को रिटायर करने का फैसला किया है, जिसके चलते बिहार सरकार के गृह विभाग ने दो समितियों का गठन कर दिया है, जो ऐसे कर्मचारियों के काम को मॉनिटर करेगी। तो वहीं हाईकोर्ट में प्रोन्नति से संबंधित मामला लंबित होने की वजह से सचिवालय स्तर पर करीब एक हजार एसओ के खाली पदों को भरने की कवायद की जा रही है। हैरत यह है कि सरकार उन्हें यह मौका देने जा रही है, जो सेवानिवृत हो चुके हैं। मतलब एक तरफ, नौकरी के पहले सेवानिवृति देने का फैसला और दूसरी तरफ सेवानिवृति के बाद नौकरी देने का फैसला।
जानकारी के लिए बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने इस विषय को लेकर 23 जुलाई 2020 को संकल्प जारी किया था। इसके तहत के 50 वर्ष से अधिक के कर्मचारियों के काम की समीक्षा कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अनुशंसा करनी है। आदेश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार के संकल्प के आलोक में गृह विभाग के वैसे सरकारी सेवक, जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो और उनकी कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है, जिससे उन्हें सेवा में बनाये रखना न्याय हो अथवा जिन्हें सेवा में बनाये रखना लोकहित में नहीं हो, के कार्यकलाप की आवधिक समीक्षा कर बिहार सेवा संहिता के नियम 74 ( क ) के प्रावधानानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने की अनुशंसा करने हेतु समितियों का गठन किया जाता है।
दूसरी तरफ, हाईकोर्ट में प्रोन्नति से संबंधित मामला लंबित होने की वजह से बिहार में बड़ी संख्या में सभी विभागों और कार्यालयों में एसओ स्तर के पद बड़ी संख्या में खाली हो गये हैं। सिर्फ सचिवालय स्तर पर करीब एक हजार पद एसओ के खाली पड़े हुए हैं। राज्य सरकार ने इसका तोड़ निकाला है। काम प्रभावित न हो, इसके लिए इन पदों को भरने के लिए संविदा पर बहाली की व्यवस्था की जा रही है। सरकार उन्हें यह मौका देने जा रही है, जो सेवानिवृत हो चुके हैं।
राज्य सरकार ने सभी विभागों और सभी स्तर के कार्यालयों में प्रशाखा पदाधिकारी (एसओ) के खाली पड़े पदों की पूरी जानकारी मांगी है। संबंधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी भी किए हैं। इस आदेश के अनुसार, संबंधित विभाग या प्रमंडल से खाली पड़े पदों की सूची प्राप्त होने के बाद बहाली की प्रक्रिया की जायेगी।
जानकारी के अनुसार, इसके लिए वेबसाइट और समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाला जाएगा। चयन के लिए प्राप्त आवेदनों के आधार पर सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों को बहाल करने से पहले संबंधित विभाग से सहमति लेनी होगी। इसके बाद बहाली की प्रक्रिया की जायेगी। चयन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से रोस्टर क्लीयरेंस प्राप्त किया जायेगा।