नई दिल्ली. बजट सत्र से काफी उम्मीदें हैं। कोरोनाकाल से उबर रहे देश को बीच-बीच में राहत पैकेज मिले, लेकिन पटरी पर लौटने में अभी वक्त लगेगा। बजट से आगे की राह आसान होगी। बहरहाल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वहीं, विपक्ष ने बजट सत्र में सरकार को घेरने के मंसूबे साफ कर दिए हैं। 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाहिष्कार का एलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
बजट सत्र के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के बाहर नए सत्र के बारे में जानकारी दी। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश ने हमें संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे। भारत के इतिहास में साल 2020 में पहली बार हुआ कि हमें अलग-अलग पैकेज के रूप में चार-पांच मिनी बजट देने पड़े। इसलिए मुझे विश्वास है कि ये बजट भी उसी श्रृंखला में देखा जाएगा। इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज़ादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है।
आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर दो चरणों में 3 अप्रैल तक चलेगा। पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा 2 मार्च से 3 अप्रैल तक होगा। बजट सत्र के दो चरणों में आमतौर पर एक महीने का अंतराल होता है ताकि संसदीय समितियां विभिन्न मंत्रालयों के लिए बजट में आवंटित राशि पर विचार-विमर्श कर सकें। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय बजट देश के 130 करोड़ लोगों की उम्मीदों से जुड़ा हुआ है। बजट देश के विकास का रास्ता तय करता है। मैं आप सभी को विचार और सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं। मोदी से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बजट पर आम लोगों से सुझाव मांग चुकी हैं।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सालाना जीडीपी ग्रोथ का पहला अनुमान मंगलवार को जारी किया था। 2019-20 में सिर्फ 5% ग्रोथ की उम्मीद है। पिछले साल 6.8% थी। ऐसे में बजट में ग्रोथ बढ़ाने के उपाय करना सरकार का लक्ष्य होगा। मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था पर सोमवार को देश के 11 प्रमुख उद्योगपतियों से भी चर्चा की थी।