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किसान आंदोलन में फूट! राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने खुद को आंदोलन से किया अलग

किसान ट्रैक्टर रैली के बाद संयुक्त किसान मोर्चा में दरार पड़ती नजर आ रही है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने अपने संगठन को किसान आंदोलन से अलग कर लिया है.  उन्होंने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत की ओर किए गए प्रदर्शन से उनका कोई लेना देना नहीं है. 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हम किसी ऐसे के साथ आंदोलन को नहीं बढ़ा सकते हैं, जिसका रास्ता कुछ और हो. इसलिए मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन अभी से इस आंदोलन से हट रही है.
गाजीपुर बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वीएम सिंह का और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का निर्णय है. ये ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी का फैसला नहीं है. आंदोलन वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कल जो घटना घटी उसके बाद हम गाजीपुर में संयुक्त कार्यक्रम बनाकर आगे नहीं चल सकते हैं, विश्वासघात किया गया है, राकेश टिकैत का नाम खुलकर लेता हूं.
वीएम सिंह ने कहा, “एक दिसंबर को पहली वार्ता हुई. उसके बाद सरकारी तरीके से गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत को बुला लिया गया. ये साजिश है या नहीं, ये हमें नहीं पता. हमारी बात सरकार के सामने नहीं उठाई गई. उसके बाद 26 तारीख को हमारी बात रखी गई. हम एमएसपी की गारंटी चाहते हैं.”
वीएम सिंह ने कहा कि कल का दिन दुर्भाग्यपूर्ण था, जिम्मेदारी सबको लेनी पड़ेगी, प्रशासन को भी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी. जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपए देने की बात की थी. मार्च की परमिशन क्यों दी? जो रूट से बाहर गया उसे क्यों नहीं रोका.
मुकदमे के डर के कारण आंदोलन वापस लेने के सवाल पर वीएम सिंह ने कहा, “बहुत डर है, 25 साल में मायावती ने इतने मुकदमे किए कि अब मैं मुकदमे की नाम सुनकर ही डर जाता हूं. हमारे साथियों पर जो मुकदमे होंगे वो मेरी जिम्मेदारी है, क‌ई राज्यों के लोग जो यहां आए वो अपने जज्बे से यहां आए, उनको पुलिस ने तंग किया, FIR से कोई नहीं डरता.”
उन्होंने कहा, “हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है. उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं. ITO में एक साथी शहीद भी हो गया. जो लेकर गया या जिसने उकसाया, उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए.”
General Desk

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