ट्रंप पर महाभियोग… सीनेट में 8 फरवरी से ट्रायल शुरू होगा, हो सकते हैं चुनाव लड़ने से आजीवन बेदखल

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वाशिंगटन. अमेरिका के अब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी जिद के कारण बड़े बेआबरू होकर ह्वाइट हाउस से निकले, मगर परेशानियां वहीं खत्म नहीं हुईं। उन्हें महाभियोग का सामना करना अभी बाकी है। उन पर पिछले सप्ताह (छह जनवरी) अपने समर्थकों को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद परिसर पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप है, जिसे सदन में 197 के मुक़ाबले 232 वोटों से पारित किया गया था। इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी।

अमेरिकी संसद पर हमले मामले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जितना भद पिटी है उसनी शायद ही अमेरिका के किसी राष्ट्रपति की बदनामी हुई होगी। वैसे दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था, क्योंकि उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जांच करने का कहकर क़ानून तोड़ा था। हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था। लेकिन उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के ख़िलाफ़ वोट नहीं दिया था। इस प्रकार अमेरिका के इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनके ख़िलाफ़ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया है।

अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा है कि महाभियोग के ट्रायल से एकता को कोई नुकसान नहीं होगा। स्कंबर के अनुसार, सीनेट में ट्रायल 8 फरवरी से शुरू हो रहा है, तो अब हाउस मैनेजर्स और ट्रंप के वकीलों के पास कानूनी तैयारी करने के लिए कुछ ही दिनों का वक्त है। सीनेट में ट्रंप के खिलाफ लगे आरोपों की जांच होगी और अगर सीनेट उन्हें दोषी ठहराती है तो उन्हें भविष्य में किसी भी चुनाव को लड़ने से रोका जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने अपने लिए साउथ कैरोलीना के वकील बच बावर्स को हायर किया है।

कैपिटल हिल में हुई थी हिंसा : ट्रंप के हजारों समर्थकों ने 6 जनवरी को कैपिटल हिल इमारत में हिंसक तरीके से प्रवेश कर काफी अराजकता फैलाई थी। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों की मौत हो गई थी। भीड़ ने पुलिस के साथ हाथापाई की, यहां रखे सामान के साथ तोड़फोड़ की, कुछ लोग सामान चोरी कर अपने साथ ले गए तो कुछ को हथियारों के साथ भी देखा गया।

अमेरिका और महाभियोग की एक हकीकत-
-अमेरिका में ट्रंप के पहले केवल दो राष्ट्रपति हुए हैं, जिनके ख़िलाफ़ निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ था। एंड्रयू जॉनसन के ख़िलाफ़ 1868 में और बिल क्लिंटन के ख़िलाफ़ 1998 में। रिचर्ड निक्सन ने प्रस्ताव पारित होने से पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था।
-अमेरिका में 1986 में एंड्रयू जॉनसन, 1998 में बिल क्लिंटन और 2019 के दिसंबर में डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग चला था। उस वक्त सुनवाई व आरोप तय करने में क्रमश: 83, 37 और 21 दिन लगे थे। हालांकि, इस बार ट्रंप के खिलाफ कैपिटल हिंसा के एक हफ्ते के भीतर ही आरोप तय कर मतदान करा दिया गया।
-अमेरिका में आज तक किसी राष्ट्रपति को महाभियोग से नहीं हटाया गया है। 1974 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन का वाटरगेट घोटाले में महाभियोग के बाद हटाना तय था, लेकिन वे पहले ही इस्तीफा देकर बेइज्जती से बच गए।

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