मुंबई। तीन कृषि कानूनों को केंद्र द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेंगे और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देंगे, लेकिन किसानों ने इसे काला कानून कहा है। मुख्य तौर पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 28 नवम्बर से दिल्ली के कई सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं।
अब किसान आंदोलन की आग पंजाब हरियाणा, दिल्ली से होते हुए महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी है। सोमवार को कृषि कानून के विरोध में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के किसान मुंबई के आज़ाद मैदान पर आकर एकत्रित हो गए हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों से पैदल मार्च कर किसान मुंबई पहुंचे हैं। रैली का आयोजन अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा किया गया है। संगठन ने जारी एक बयान में यह जानकारी दी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक ज्ञापन भी सौंपेगा।
इसके पहले महाराष्ट्र के 21 जिलों के हजारों किसान शनिवार को नासिक जिले में इकट्ठे हुए और 180 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए मुंबई के लिए रवाना हो गए। इन किसानों का जन सैलाब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बड़ी संख्या में किसान रोड से झंडे लेकर निकल रहे हैं। ये किसान कई कई छोटी यूनियनों से आए हैं और अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले खुद को इकट्ठा कर रहे हैं।
रैली को पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोरात और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे संबोधित करेंगे। इस दौरान किसानों एक प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन भी सौंपेगा। ये किसान दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और 26 जनवरी को यहां भी विरोध करने वाले हैं। खबर है कि किसान आज राज्यपाल से मिलने राजभवन की ओर कूच करेंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसान रैली के मद्देनजर पुलिस ने दक्षिण मुंबई स्थित आजाद मैदान और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा की विशेष तैयारी की है और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है, इसके साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) की महाराष्ट्र शाखा ने एक बयान जारी कर दावा किया कि नासिक से करीब 15 हजार किसान शनिवार को टैम्पो और अन्य वाहनों से मुंबई के लिए रवाना हुए हैं।
बयान के मुताबिक मुंबई के लिए कूच करने वाले किसानों ने रात्रि विश्राम के लिए इगतपुरी के पास घाटनदेवी में पड़ाव डाला था। बयान के मुताबिक रविवार सुबह किसान कसारा घाट के रास्ते मुंबई के लिए रवाना हुए। कसारा घट तक निकाले गए सात किलोमीटर लंबे मार्च में कई महिला किसान भी शामिल हुईं। यह मार्च सुबह नौ बजे शुरू हुआ और समापन पूर्वाह्न 11:30 बजे हुआ, बाद में किसान वाहनों के जरिये आगे की यात्रा पर निकल गए। कसारा घाट मार्च का नेतृत्व एआईकेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले और राज्य इकाई के प्रमुख किसन गुज्जर एवं महासचिव अजित नवाले ने किया। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) से जुड़े इगतपुरी और शाहपुर तहसील के फैक्टरी कामगारों ने इन किसानों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। कल्याण-भिवंडी क्रासिंग पर भी किसानों का स्वागत किया गया और खाने के पैकेट वितरित किए गए। किसान मुलुंद जांच चौकी के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए। यह ठाणे की ओर से मुंबई में प्रवेश करने का रास्ता है। विक्रोली के कन्नमवार नगर में वाम दलों से जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद किसान आजाद मैदान की ओर बढ़ गए जहां पर वे संयुक्त शेतकार कामगार मोर्चा (एसएसकेएम) के बैनर तले आयोजित धरना प्रदर्शन् में शामिल होंगे जो गणतंत्र दिवस तक जारी रहेगा। राज्य सरकार में सहयोगी कांग्रेस की राज्य इकाई पहले ही इस रैली का समर्थन कर चुकी है।
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