KP Oli
फोटो सोशल मीडिया

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) का सियासी घमासान एक नए मोड़ पर जा पहुंचा है. पार्टी ने अपने ही सबसे दिग्गज नेता और कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को दल से चलता कर दिया है. कम्युनिस्ट पार्टी ने ओली की सदस्यता बर्खास्त कर दी है.

बता दें कि पार्टी में ओली के खिलाफ बगावत के सुर काफी समय से बुलंद हो रहे थे. एनसीपी के पृथक धड़े के नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार (22 जनवरी) को यहां एक बड़ी सरकार विरोधी रैली का नेतृत्व किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली द्वारा संसद को ‘अवैध तरीके’ से भंग किए जाने से देश में मुश्किल से हासिल की गई संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को गंभीर खतरा पैदा हुआ है.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अपने धड़े के समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि ओली ने न सिर्फ पार्टी के संविधान और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया, बल्कि नेपाल के संविधान की मर्यादा का भी उल्लंघन किया और लोकतांत्रिक रिपब्लिक प्रणाली के खिलाफ काम किया. उन्होंने कहा कि ओली के कदमों के चलते लोग प्रदर्शन करने को विवश हुए हैं और आज, पूरा देश प्रतिनिधि सभा को भंग किए जाने के खिलाफ है.

गौरतलब है कि नेपाल में 20 दिसंबर 2020 को तब राजनीतिक संकट में फंस गया, जब चीन समर्थक समझे जाने वाले ओली ने प्रचंड के साथ सत्ता संघर्ष के बीच अचानक प्रतिनिधि सभा भंग करने की सिफारिश कर दी. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनकी अनुशंसा पर उसी दिन प्रतिनिधि सभा को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here