जम्मू. मात्र दो महीनों के अंतराल में भारतीय सुरक्षाबलों ने इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक और सुरंग खोजकर पाकिस्तान के कुत्सित इरादों पर पानी फेर दिया। 150 मीटर लंबी इस सुरंग का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत में आतंकवादियों को भेजने के लिए करता था। कठुआ जिले के पनसार में बीएसएफ की चौकी के पास बॉर्डर पोस्ट नंबर 14 और 15 के बीच 30 फीट गहरी यह सुरंग है।
इसी सुरंग में छिप जाते थे : दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों से जिस सेक्टर में पाक रेंजर जबरदस्त गोले बरसा रहे थे। वहां आतंकियों ने भूमिगत सुरंग बना रखे थे। सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई के दौरान वे इसी सुरंग के रास्ते सुरक्षित स्थानों पर छिप जाते थे। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना ने नगरोटा एनकाउंटर के बाद सुरंगों का पता लगाने के प्रयासों में और तेजी लाने का आदेश दिया था। नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों ने सीमा पर मौजूद सुरंगों का इस्तेमाल करते हुए घुसपैठ की थी और बाद में बीएसएफ ने सुरंग को भी खोज निकाला था।
पाकिस्तान से कनेक्शन के सबूत : यह एक ऐसी जगह पर स्थित है, जहां 2012 के बाद से लगातार एक्शन देखा गया है। सुरंग से सीमेंट की बोरियां बरामद हुई हैं, जो कि पाकिस्तान के कराची की बनी हुई हैं। यह सुरंग कम-से-कम 6 से 8 साल पुरानी लगती है। इसका अर्थ यह है कि इसे लंबे समय से घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा होगा। यह काफी बड़ी भी है।
पाकिस्तान का शकरगढ़, जोकि बाड़ के पार का इलाका है, जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर कासिम जान की देखरेख में चलने वाले आतंकी ट्रेनिंग फैसिलिटी की जगह है। बाड़ के दूसरी तरफ शकरगढ़ जिले में अभियाल डोगरा और किंगरे-डी-कोठे की पाकिस्तानी सीमा चौकी स्थित है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की पोस्ट के ठीक सामने से इस सुरंग को खोदा गया है। आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकी इस ओर घुसपैठ कर आए हैं।
10 साल में 10 सुरंगें : इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा कितनी सुरंगें खोदी गई हैं, फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। इतना जरूर है कि पिछले 10 सालों में 10 ऐसी सुरंगों का पर्दाफाश बीएसएफ कर चुकी है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं। वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।
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