गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर असम वासियों का दिल जीत लिया। जैसे ही मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता असम से होकर गुजरता है, वहां के लोग उनके मुरीद हो गए। यह दौरा विशेष रूप से 1.06 लाख जमीन के पट्टों के वितरण के लिए याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से बड़ी चिंता अब दूर हो गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना के प्रति भी लोगों को सावधान किया और कहा टीके जरूर लगवाएं। यह भी याद रखें कि टीके का एक डोज नहीं, दो डोज लगवाना जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे दिये जाएंगे। जेरेंगा पठार का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है।
मोदी की खास बातें-
-बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी। ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है।
– 5 साल पहले तक असम के 50 प्रतिशत से भी कम घरों तक बिजली पहुंची थी, अब शत- प्रतिशत पहुंच चुकी है।
-जल जीवन मिशन के तहत बीते 1.5 साल में असम में 2.5 लाख से ज्यादा घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।
– लगभग 40 प्रतिशत आबादी आयुष्मान भारत से लाभान्वित हुई है। 1.5 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिल चुका है!
– 1.75 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं, जिससे COVID के दौरान सहायता प्रदान करने में मदद मिली।
– लगभग 70 जनजातियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम तेजी से विकास की ओर भी ले जा रहे हैं।
-2014 से अटल जी की सरकार से लेकर असम की संस्कृति और सुरक्षा को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रही है।