किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक हुई. हर बार की तरह ये बैठक भी बेनतीजा निकली लेकिन अब हर बार की तरह अगली वार्ता तब होगी, जब किसान संगठन मोदी सरकार के डेढ़ साल वाले प्रपोजल पर नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर किसान नेताओं से बातचीत में अब सरकार सख्त होती दिख रही है. शुक्रवार की वार्ता में सरकार की तरफ से साफ संदेश दे दिया गया कि जब तक डेढ़ वाले वाले प्रपोजल को मानने के लिए तैयार होंगे.
बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से कहा- ‘सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है. कानून में कोई कमी नही है. हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था. आप निर्णय नहीं कर सके. आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो सूचित करें. इस पर फिर हम चर्चा करेंगे. आगे की कोई तारीख तय नही है.’
आपको बता दें कि दसवें दौर की बैठक में सरकार की तरफ से किसान नेताओं को यह प्रपोजल दिया गया था कि हम डेढ़ साल तक नए कानून को निलंबित रखेंगे. इस पर किसान नेताओं से विचार करने के लिए कहा गया था. लेकिन 11वें राउंड की बैठक से पहले ही किसान नेताओं की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि इस प्रपोजल पर कोई विचार नहीं किया जाएगा और कानून वापसी ही एकमात्र आंदोलन रोकने का विकल्प है.
मोदी सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि डेढ़ साल तक कानून को रोकने का प्रपोजल उनकी ‘आखिरी सीमा’ थी. किसान नेताओं से इस प्रपोजल पर दोबार विचार करने को कहा गया है. सरकार की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया कि कानून में कोई कमी नहीं है. इसका स्पष्ट संदेश है कि सरकार कानून पर बिंदुवार चर्चा ही कर सकती है लेकिन कानून वापसी का कोई सवाल नहीं है.