किसान आंदोलन तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। सोनिया ने किसानों का मसला नहीं सुलझाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चुप्पी साधने पर गहरी नाराजगी जताते हए कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों की मांग मानी चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए।
उन्होंने शुक्रवार को यहां पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को बरगलाया नहींस बल्कि उनकी मांगों पर विचार होना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चिंता जताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता जर रही है। उन्होंने कहा कि बालाकोट एयपरस्ट्राइक से संबंधित खबर लीक होने की घटना ने खुद को देशभक्त कहने वाली बीजेपी की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है और सरकार को इसमें जनता से जुड़े मुद्दों पर व्यापक चर्चा करानी चाहिए। उनका कहना था कि नागरिकों की चिंता से जुड़े सवाल संसद में प्रमुखता से उठाए जाएंगे और सरकार से उन पर जवाब मांगा जाएगा।
सोनिया ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार असंवेदनशील बनी हुई है और उनकी बातों को सुनने की बजाय गूंगी बहरी बनकर चुप बैठी है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य इस बात का है कि सबको राष्ट्रभक्ति और देशभक्ति का प्रमाण पत्र देने वाले ही देश की सुरक्षा से जुड़ी खबर को लीक करके राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। उनका कहना था कि इससे उनकी असलियत सामने आ गई है। उन्होंने आर्थिक स्थिति को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा कि लघु उद्योग तथा असंगठित क्षेत्र की स्थिति बहुत खराब है, लेकिन सरकार उनको आगे बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। सार्वजनिक निधि का इस्तेमाल सोच समझकर और विधिवत तरीके किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसी तरह से सरकार ने श्रमिक कानूनों और पर्यावरण कानून में बदलाव करके उन्हें कमजोर किया है तथा सार्वजनिक संस्थानों को बेचने की नीति पर काम किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों तथा अन्य कोरोना योद्धाओं को कोरोना टीका लगने की प्रक्रिया पर खुशी जताई और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि टीकाकरण का अभियान लगातार जारी रहेगा और देश के सभी नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। उनका कहना था कि सरकार ने कोराना महामारी के दौर में अपने कुप्रबंधन के कारण लोगों को बहुत पीड़ा दी है और उसके घाव भरने में वर्षों लगेंगे।