मुंबईः अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे सकारात्मक रूझानों को असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में देखने को मिला। बीएसई यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स (BSE Sensex) आज पहली बार 50000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। सेंसेक्स को 50000 अंक तक पहुंचने में 35 साल लगे। इससे पहले 23 मई 2019 को सेंसेक्स ने 40 हजार के स्तर को छुआ था।

घरेलू और विदेशी निवेशकों ने गुरुवार को लिवाली जारी रखी, जिसके कारण सेंसेक्स इस मुकाम पर पहुंचा। सेंसेक्स के इस मुकाम तक पहुंचने में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), फाइनेंशियल और आईटी स्टॉक्स की अहम भूमिका रही। बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस तथा टेक महिंद्रा जैसे बाजार के बड़े शेयरों में 4.62% तक की बढ़त है।

सेंसेक्स में पिछले 208 दिन में 24500 अंक की तेजी आई है। गत वर्ष सेंसेक्स 24 मार्च को फिसलकर 25,639 अंक पर गया था, जो इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर था। वहीं आज यह 50126.73 अंक पर पहुंच गया। इस तरह से गत वर्ष 24 मार्च की तुलना में सेंसक्स में 95 फीसदी अधिक की वृद्धि हो चुकी है।

सेंसेक्स ने 4 मार्च 2015 को 30 हजार के स्तर को छुआ था और इसे को 30 हजार से 40 हजार तक पहुंचने में चार साल से कुछ अधिक समय लगा था। वहीं सेंसेक्स 29 अक्टूबर 2007 में 20 हजार के अंक पर पहुंचा था। सेंसेक्स को 10 हजार से 20 हजारी होने में 22 महीने का समय लगा था। वहीं इसे 10 हजारी बनने में एक दशक का समय लग गया था।

इस तरह से आंकड़ों पर गौर करें, तो सेंसेक्स की 40 हजार से 50 हजार तक की यात्रा सबसे तेज रही है। यानी सेंसेक्स महज 415 दिन में 10 हजार अंक का उछाल ले चुका है।

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