Subscribe for notification
ट्रेंड्स

बात अभी बाकी है…किसान संगठनों ने कहा-हठ छोड़े सरकार, मंत्रियों ने कहा- अदालत से नहीं समाधान

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में 11वें दौर की वार्ता चल रही है। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं। दूसरी तरफ, दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है।

पंजाब किसान मोर्चा के बलजीत सिंह बाली ने कहा, ‘‘अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में तोमर जी ने कहा कि आप लगातार कह रहे हैं कि सरकार अड़ी है और इसे प्रतिष्ठा का सवाल बनाये हुए हैं, जबकि हमने आपकी कई मांगों को मान लिया है। क्या आप नहीं समझते कि आपको भी लचीलापन दिखाना चाहिए और केवल कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े नहीं रहना चाहिए। ’’

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, ‘‘ तीनों कानूनों के बारे में अच्छी चर्चा हुई. कुछ समाधान निकलने की संभावना है। हम सकारात्मक हैं।’’ किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘ सरकार ने हमसे कहा कि समाधान बातचीत से निकाला जाना चाहिए, अदालत में नहीं। सभी का समान मत है। कुछ समाधान की संभावना है।’’

गत आठ जनवरी की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका था क्योंकि केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि इन सुधारों को देशव्यापी समर्थन प्राप्त है। वहीं किसान नेताओं ने कहा कि वह अंत तक लड़ाई के लिये तैयार है और कानूनी वापसी के बिना घर वापसी नहीं होगी।

ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि उम्मीद है कि कि सरकार आज गतिरोध दूर करने का मन बनाकर आई होगी। हमारे नेताओं ने तो स्पष्ट कह दिया है कि कानून रद्द करने का मन बनाकर ही आए, तो अच्छा, क्योंकि MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी। किसान यहां से तब तक वापस नहीं जाएगा जब तक सरकार MSP पर कानून, 3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेगी।

गौरतलब है कि 15 जनवरी को केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि यूनियनों को आपस में अनौपचारिक समूह बनाने और अपनी मांगों के बारे में सरकार को एक मसौदा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। सरकार ‘खुले मन’ से मसौदे पर विचार करेगी। समाधान तक पहुंचने के लिए केंद्र सकारात्मक है। दसरी तरफ, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा था कि, ‘‘जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था। चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। आज का नतीजा क्या निकलता है, इस पर पूरे देश की नजर टिकी है।

Delhi Desk

Recent Posts

Mahakumbh 2025 Live : संगम पर आस्था का सैलाब, महाशिवरात्रि पर अंतिम महास्नान, सीएम योगी कर रहे हैं मॉनिटरिंग

प्रयागराजः आज महाशिवरात्रि है। इसके साथ ही आज प्रयागराज महाकुंभ का आखिरी दिन है। महाशिवरात्रि पर्व स्नान के साथ ही…

3 days ago

महाशिवरात्रिः दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने चांदनी चौक के गौरी शंकर में की पूजा अर्चना

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः महाशिवरात्रि के अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर पहुंची…

3 days ago

शराब घोटाल केजरीवाल, सिसोदिया की महाभ्रष्ट जुगलबंदी का परिणाम, रिपोर्ट पर जवाब दें केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली  बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शराब घोटाले को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व…

4 days ago

CAG रिपोर्ट की दिल्ली विधानसभा में पेश, सीएम रेखा ने सदन में रखी रिपोर्ट, AAP की शराब नीति से 2000 करोड़ रुपये का घाटा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली सरकार ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को शराब नीति से संबंधित CAG…

4 days ago

अमेरिका ने चार भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

दिल्लीः पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़ी 16 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें चार भारतीय कंपनियां…

4 days ago

निगम कर्मियों को लेकर आतिशी मार्लेना का बयान महज एक छलावाः बीजेपी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) पर…

5 days ago