जो बिडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही वह अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए। बिडेन 78 साल हैं। वहीं कमला हैरिस ने अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेकर इतिहास रच दिया। 56 वर्षीय कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला, अश्वेत और भारतवंशी उपराष्ट्रपति हैं।
बिडेन ने इनॉगरल स्पीच में कहा, “यह अमेरिका का दिन है। लोकतंत्र का दिन है। उम्मीदों का दिन है। आज हम किसी उम्मीदवार का जश्न मनाने नहीं जुटे हैं, हम लोकतंत्र के लिए जुटे हैं। हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है, लेकिन लोकतंत्र यहां कायम है।”
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल (संसद भवन) में हिंसा किए जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, “कुछ दिन पहले ही यहां पर हुई हिंसा ने कैपिटल की बुनियाद को हिला दी, जबकि देश में दो सौ साल से सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरण हो रहा था। मैं दोनों दलों के पूर्व राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। उस प्रेसिडेंट को भी सलाम, जो यहां नहीं आए, लेकिन उन्हें अमेरिका की सेवा करने का मौका मिला।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम अच्छे लोग हैं। हमें अब भी लंबा रास्ता तय करना है। हमें बहुत कुछ करना है, हमें बहुत कुछ बनाना है, बहुत कुछ हासिल करना है। उन्होंने कहा कि इस समय जिसे अभी जैसा मुश्किल वक्त है, वैसा अमेरिकियों ने पहले नहीं देखा। ऐसा वर्ल्ड वॉर-2 में भी नहीं हुआ। लाखों नाैकरियां चली गईं। लाखों कारोबार बंद हो गए। उन्होंने कहा कि चरमपंथ, व्हाइट सुप्रीमेसी तथा आतंकवाद जैसी चीजों को हम शिकस्त देंगे। अमेरिका का भविष्य तय करने के लिए शब्दों से भी आगे जाकर बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। एकजुट रहना, एकता बनाए रखना जरूरी है।’
उन्होंने कहा, “पूरे अमेरिका को एकजुट रखने की की कोशिश है। मैं हर अमेरिकी इस मकसद से जुड़ने की अपील करता हूं। गुस्सा, नफरत, चरमपंथ, हिंसा, नाउम्मीदी को हम एकजुट होकर हरा सकते हैं। हम इस वायरस से भी उबर सकते हैं। हम इंसाफ को कायम रख सकते हैं। हो सकता है कि जब मैं यूनिटी की बात कर रहा हूं तो यह कुछ लोगों को मूर्खता लगे, लेकिन अमेरिका लगातार भाई-भतीजावाद, नस्लवाद से जूझता रहा है। जीत हमेशा पक्की नहीं होती। हमने 9/11 देखा। लंबा संघर्ष देखा।”
श्री बिडने कहा कि इतिहास बताता है कि एकता ही कायम रखनी चाहिए। एकता के बिना अमन नहीं आएगा। इसके बिना तरक्की नहीं होगी। देश नहीं बचेगा, सिर्फ अराजकता होगी। उन्होंने कहा कि यह मोमेंट यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका है। इसे मानेंगे तो हम कभी असफल नहीं होंगे। इसलिए आज इस वक्त, इस जगह पर आइए हम नए सिरे से शुरू करेंगे। आइए हम एक-दूसरे की बात सुनें। एक-दूसरे का सम्मान करें। हर असहमति के लिए जरूरी नहीं कि जंग ही छेड़ दी जाए। तथ्यों को तोड़ना-मोड़ना या अपने हिसाब से गढ़ना जरूरी नहीं है। अमेरिका जो अभी है, उससे भी बेहतर हो सकता है। 108 साल पहले हजारों महिला प्रदर्शनकारियों ने यहीं आकर राइट टू वोट मांगा था। आज यहां पर कमला हैरिस के तौर पर पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं।” उन्होंने कहा कि मैं पूरे अमेरिका का राष्ट्रपति हूं। उन्होंने अपने भाषण का समापन धन्यवाद अमेरिका कह कर किया।
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