दिल्ली की सीमा पर पिछले डेढ़ महीने से भी अधिक समय से किसान धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को खत्म करे. इस बावत किसान यूनियनों की सरकार के साथ 9 दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. अब 19 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र के बीच 10वें दौर की वार्ता होनी है. वहीं सरकार ने भी साफ कर दिया है कि कानूनों में संशोधन किया जा सकता है, निरस्त नहीं. अब इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार पर पलटवार कर अपने इरादे साफ दिये हैं.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन 53वें दिन भी जारी है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नागपुर में कहा कि अगर कुछ लाख किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, तो सरकार कृषि कानूनों को क्यों नहीं निरस्त कर रही है? मुझे लगता है कि आंदोलन जारी रहेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, सरकार पूर्ण रूप से अड़ियल रुख अख्तियार किए है. उन्होंने साफ कहा कि क्लॉज पर चर्चा वो करेगा जिसे कानून में संशोधन कराना हो, ये हमारा सवाल है ही नहीं. सरकार को ये तीनों कानून खत्म करने ही पड़ेंगे.
बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के क्रियान्वयन को रोक दिया है तो मैं समझता हूं कि जिद्द का सवाल ही खत्म होता है. हमारी अपेक्षा है कि किसान 19 जनवरी को एक-एक क्लॉज पर चर्चा करें और वो कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प चाहते हैं वो सरकार के सामने रखें.
दरअसल, इससे पहले शुक्रवार (15 जनवरी) को तीन कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के बीच हुई 9वें दौर की वार्ता हुई. जो बेनतीजा रही. अब 19 जनवरी को फिर से सरकार और किसानों के बीच मुलाकात होगी.