धन संचय अभियान शुरू…राम मंदिर के लिए गुजरात के हीरा कारोबारी ने 11 करोड़ रुपए दान में दिए

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अहमदाबाद.
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की शुरूआत हो गई है। उद्देश्य है सहभागिता की पूंजी से बनने वाले मंदिर से नई राष्ट्र चेतना मिले, देश के हर परिवार की हिस्सेदारी इस पुनीत काम में हो। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और आरएसएस देशभर में धन एकत्रित करने का अभियान चला रहे हैं। यह अभियान करीब डेढ़ महीने तक चलेगा। इसमें हर कोई अपनी इच्छाशक्ति के अनुसार चंदा दे सकता है। 27 फरवरी तक देशभर में करीब 13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। लोगों से जो भी रुपये मिलेंगे वो राम मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल होंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के वह कूपन भी बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनको लेकर विहिप कार्यकर्ता टोलियों की शक्ल में लोगों के घर तक जाएंगे। बता दें कि राम मंदिर का चंदा जुटाने के लिए जो कूपन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बनाए हैं, वह 10, 100 और 1000 रुपये के होंगे। कूपन हर जगह पहुंच चुका है। धन संग्रह डोर-टू-डोर चलेगा और इसमें धर्म जाति का बंधन नहीं रहेगा। दो नंबर का पैसा जमा नहीं हो इसकी पुख्ता व्यवस्था की गई है। 20-20 हजार रुपए की कूपन दिए जा रहे हैं। इससे ज्यादा राशि देने वालों को रसीद दी जा रही है, जिस पर इनकम टैक्स रिबेट मिलेगी। प्रतिदिन एकत्रित होने वाली राशि को अगले दिन बैंक में राम मंदिर के अकाउंट में जमा करवाया जा रहा है। यह राशि जमा कराने की जिम्मेदारी जिसे सौंपी गई है, उसके पास बकायदा ओटीपी आता है और उसके बाद वे पैसा जमा करवा सकता है। अकाउंट में सीधे राशि जमा नहीं करवाई जा सकती है, ऐसे इसलिए है कि ताकि कोई भी अपना अवैध पैसा मंदिर के खाते में जमा नहीं करवा सके।

अभियान की शुरुआत 14 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की। उन्होंने राम मंदिर के लिए सबसे पहले चंदा दिया और अभियान को हरी झंडी दिखाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चेक के जरिये पांच लाख रुपये का चंदा ट्रस्ट को सौंपा है। अब खबर है कि गुजरात के व्यापारी गोविंदभाई ढोलकिया ने 11 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। गोविंदभाई ढोलकिया, सूरत में हीरा के व्यापारी हैं और रामकृष्ण डायमंड के मालिक हैं। वे सालों से आरएसएस के साथ जुड़े हुए हैं। 1992 में हुई राम मंदिर पहल में वो भी शामिल थे। वहीं, सूरत में केमिकल इन्डस्ट्रीज के लिए मशहूर महेश कबुतरवाला ने 5 करोड़ और लवजी बादशाह ने 1 करोड़ रुपए का दान दिया।

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