Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
किसान आंदोलन पर बोले अठावले- कृषि कानूनों को रद्द नहीं, संशोधन का प्रस्ताव रखें किसान - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

किसान आंदोलन पर बोले अठावले- कृषि कानूनों को रद्द नहीं, संशोधन का प्रस्ताव रखें किसान

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर हैं. दिल्ली की दहलीज पर करीब डेढ़ महीने से किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान कानूनों को वापस लेने की मांग पर डटे हैं। सरकार और किसान के बीच हुई नौ बैठकों के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। इस बीच केंद्र सरकार की मंशा साफ करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले कहा कि किसान संगठनों को कृषि कानूनो को रद्द करने की मांग के बजाए कानून में संशोधन के प्रस्ताव रखने चाहिए।

आठवले ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे है, जबकि केंद्र सरकार किसानों का सम्मान करती है और कृषि कानूनों में किसानों की आपत्तियों के मद्देनज़र संशोधन के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को संसद में पारित क़ानूनों को और वापस लिए जाने की मांग से पीछे हटकर संशोधन की दिशा में बढ़कर आंदोलन को समाप्त करना चाहिये।

आठवले ने कहा कि देश के किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है और पिछले छह वर्षो में किसानों की भलाई के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।

उन्होने कहा है कि केंद्र के प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के माध्यम से 10.59 करोड़ किसान परिवारों को 95,969 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने कहा,“सरकार ने वर्ष 2013-14 की तुलना मे ढ़ाई गुना ज़्यादा राशि से न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी) पर फसलों की ख़रीद की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से साढ़े छ करोड़ किसानो को लाभ पहुचाते हुये 87,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावो का भुगतान किया है। उन्होने कहा कि इसी प्रकार संस्थागत कृषि ऋण वर्ष 2019-20 मे 13.92 लाख करोड़ हो गया है जो कि वर्ष 2013-14 से 6.62 लाख रुपये अधिक है।”

आठवले ने जाति आधारित जनगणना की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि जाति आधारित जनगणना से जातिवाद को बढ़ावा नहीं मिलेगा बल्कि इससे सरकार को सभी जाति वर्ग के लोगों के हितों से जुड़ी कारगर नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।

बता दें कि इस दौरान आठवले के साथ फ़िल्म निर्देशक अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली फ़िल्म अभिनेत्री पायल घोष भी मौजूद थीं। पायल घोष ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस ने चार महीने बीत जाने के बाद भी अनुराग कश्यप के ख़िलाफ़ दी गयी उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि जाँच में देरी से न्याय में देरी होती है और अनुराग कश्यप जैसे प्रभावशाली लोग सजा से बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर उनसे न्याय की अपील करेंगी।

General Desk

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

3 days ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 days ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

4 days ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

4 days ago