Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
किसानों ने कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर मनाई लोहड़ी, गणतंत्र दिवस पर होगी ट्रैक्टर परेड - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

किसानों ने कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर मनाई लोहड़ी, गणतंत्र दिवस पर होगी ट्रैक्टर परेड

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को 49 दिन पूरे हो गए। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत और सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी अभी तक कोई सहमति का रास्ता नहीं निकला। किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर डटे हैं। तो वहीं सरकार कानून वापस नहीं लेने पर अड़ी है।

उत्तर भारत में खासकर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाने वाला लोहड़ी के त्योहार इस बार किसानों ने अलग अंदाज में मनाया। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने कानून की प्रतियां जला कर लोहड़ी का त्योहार मनाया और कानून वापसी तक आंदोलन जारी रखने का प्रण लिया। सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आगे की रणनीति बनाने को लेकर बैठक की और इसके बाद कानून की कॉपियां जलाई गईं।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ( एआईकेएससीसी ) की जारी विज्ञप्ति के अनुसार आन्दोलन के 49 वें दिन किसानों ने अलग-अलग राज्यों में इन तीनों कानूनों की प्रतियां जलायीं और उन्हें रद्द करने पर जोर दिया। इस अवसर पर दिल्ली के पास के सभी जिलों से गणतंत्र दिवस किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया।

समिति ने कहा कि आज देश भर में 20 हजार से ज्यादा स्थानों पर कानून की प्रतियां जलाई गईं। एआईकेएससीसी ने दिल्ली के आसपास 300 किमी के सभी जिलों में किसानों से अपील की है कि वे दिल्ली में गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटें और सीमाओं पर एकत्र हों।

देश में 18 जनवरी को सभी जिलों में महिला किसान दिवस मनाया जाएगा, बंगाल में 20 से 22 जनवरी, महाराष्ट्र में 24 से 26 जनवरी, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में 23 से 25 जनवरी और ओडिशा में 23 जनवरी को महामहिम के कार्यालय के समक्ष महापड़ाव आयोजित किया जाएगा।

एआईकेएससीसी ने कहा है कि सरकार ने पिछले 50 दिनों से लगातार देश की जनता और किसान नेताओं के सामने इस बात की कोई सच्चाई पेश नहीं की है कि ये कानून कैसे किसानों को लाभ पहुचाएंगे। उसका ये तर्क कि तकनीकी विकास होगा, पूंजी का निवेश होगा और कुल मिलाकर विकास बढ़ेगा।

सरकार ने निजी निवेशकों को मदद देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, पर तकनीकी विकास, पूंजीगत निवेश और अन्य जरूरी मुद्दों पर धन नहीं लगाना चाहती। कारपोरेट जब यह निवेश करेगा तो उसका लक्ष्य ऊंचा मुनाफा कमाना और भूमि एवं जल स्रोतों पर कब्जा करना होगा।

जहां अब किसान संगठन इकजुट हैं, वहीं मोदी सरकार बैकफुट पर जाती दिख रहा है. माना जा रहा है कि अगर किसान इसी तरह से डटे रहे तो आने वाले वक्त में सरकार को झुकना पड़ सकता है.

General Desk

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

2 days ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

3 days ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

3 days ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

3 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

4 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

4 days ago