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वायुसेना को मिलेंगे 83 तेजस विमान, 48 हजार करोड़ की डील को मंजूरी - Prakhar Prahari
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वायुसेना को मिलेंगे 83 तेजस विमान, 48 हजार करोड़ की डील को मंजूरी

भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी खबर है. अब उसके बेड़े में जल्द 83 तेजस विमान शामिल होने वाले हैं. लड़ाकू विमान तेजस की 48 हजार करोड़ की डील को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की मंजूरी मिल गई है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस ने डील को मंजूरी दी है. डील पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वायुसेना की मजबूती के लिए ये फैसला लिया गया है.

राजनाथ सिंह ने कहा है कि सुरक्षा मामलों की समिति ने वायु सेना के लिए 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दे दी है। अब तक के सबसे बड़े घरेलू सैन्य सौदे पर 48 हजार करोड़ रूपये की लागत आने की संभावना है। ये विमान रक्षा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम एचएएल से खरीदे जायेंगे। उन्होंने कहा कि यह सौदा रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में देश के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में ‘गेम चेंजर’ साबित होगा

सिंह ने कहा कि जिन स्वदेशी तेजस मार्क – 1 ए विमानों की खरीद की मंजूरी दी गयी है वे आने वाले समय में वायु सेना की रीढ बनकर उभरेंगे। चौथी पीढी के ये लड़ाकू विमान ऐसी अनेक नयी प्रौद्योगिकियों से लैस हैं जो भारत में पहले नहीं थी। तेजस मार्क -1ए में इस्तेमाल किये गये कलपुर्जों और प्रौद्योगिकी में से 50 फीसदी स्वदेशी है जिसे जल्द ही बढाकर 60 फीसदी किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि एचएएल ने नासिक और बेंगलुरू डिविजन में भी पहले ही विनिमार्ण इकाईयों की स्थापना कर ली हैं और वह वायु सेना को इन विमानों की समय पर आपूर्ति के लिए तैयार है। आज के इस निर्णय से एलसीए इकोसिस्टम का विस्तार होगा और रोजगार के नये अवसर पैदा करने में सहायक रहेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एलसीए तेजस कार्यक्रम भारत में एयरोस्पेस विनिर्माण इकोसिस्टम को गतिशील आत्मनिर्भर इकोसिस्टम में बदलने में उत्प्रेरक की भूमिका निभायेगा।

सुरक्षा समिति ने इस कार्यक्रम के तहत वायु सेना को ढांचागत सुविधाओं का विकास करने की भी अनुमति दी है जिससे वह अपने रिपेयर बेस पर विमानों की मरम्मत और उनकी सर्विस कर सकेगी।

आपको बता दें कि तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस लड़ाकू विमान है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है। तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है।

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