Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 49वां, प्रदर्शनकारी आज जलाएं कानूनों की प्रतियां - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 49वां, प्रदर्शनकारी आज जलाएं कानूनों की प्रतियां

तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है। किसानों के प्रदर्शन का आज 49वां दिन है और इस सिलसिले में प्रदर्शनकारी किसान आज तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। इस बीच बीजेपी की वरिष्ठ नेता एवं मथुरा की सांसद सांसद हेमा मालिनी ने कहा है कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें खुद पता नहीं है कि कि वे क्या चाहते हैं और कृषि कानूनों में दिक्कत क्या है? इससे पता चलता है कि वे लोग किसी के कहने पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने को लेकर कहा कि कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाया जाना अच्छी बात है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे मामला शांत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कई दौर की वार्ता के बाद भी प्रदर्शनकारी किसान मामने को तैयार नहीं हैं। किसान कई दौर की चर्चा के बाद भी मानने को तैयार नहीं हैं।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने बातचीत के जरिए मामला सुलझाने के लिए चार सदस्यीय समिति बना दी है, लेकिन किसानों ने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि कानून वापसी तक आंदोलन जारी रखेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित की गई समिति में चारों सदस्य नए कृषि कानूनों का खुलेआम समर्थन करते रहे हैं। इसलिए हम इस समिति का हिस्सा नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं होगा, बल्कि हम 26 जनवरी को राजपथ पर ट्रैक्टर परेड की तैयारियां और तेज की जाएंगी।

वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि नए कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। लेकिन, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ फसल का होगा, जमीन का नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार और किसान, दोनों ही अपने पक्ष अब कमेटी के सामने रखें।

 

admin

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

3 days ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 days ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

3 days ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

4 days ago