Courtesy ANI

तीन नए केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का किसान का आज 46वां दिन है। कड़ाके की सर्दी तथा कोरोना संकट के बीच दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अपनी मांगों को लेकर अब भी केंद्र सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। इस बीच, हरियाणा में  करनाल जिला के कैमला गांव में किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रैली का विरोध किया। इस दौरान किसानों तथा पुलिस के बीच झड़प हो गई। हंगामा इस कदर बढ़ा कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और पानी के बौछार करने पड़े।

सीएम खट्‌टर आज करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली करने वाले थे। इसको लेकर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था। आगे वहीं बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने रोका और जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं। बेकाबू आंदोलनकारी हेलीपैड और रैली स्थल तक पहुंच गए और हेलीपैड को भी तोड़ दिया। इस दौरान प्रदेश बीजेपी प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ के साथ किसानों की बहस भी हुई। बाद में खराब मौसम का हवाला देकर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।

उधर, दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों के संयुक्त मोर्चा की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि किसान 26 जनवरी की तैयारियों का ऐलान भी कर सकते हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट 11 जनवरी यानी को कृषि कानूनों को रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई करेगा। इससे पहले भी बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। हम किसानों की हालत समझते हैं।

किसानों के आंदोलन के मद्देनजर  दिल्ली का चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रविवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन के मद्देनजर दोनों बॉर्डर को बंद करने का फैसला किया गया है। आनंद विहार, डीएमडी (DND), भोपरा और लोनी बॉर्डर से दिल्ली आने वाले लागों वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है।

इस बीच कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ 15 जनवरी को देशभर में राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ता हर राज्य के राजभवन का घेराव करेंगे।

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