पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। इसे मात देने के लिए विश्व के कई देशों में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। भारत में भी 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू होने वाला है, लेकिन कोविड वैक्सीन को लेकर सियासत भी हो रही। वैक्सीन पर सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस दो अब खेमों में बंटती हुई नजर आ रही है। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर तथा जयराम रमेश जैसे पार्टी के कई नेताओं ने वैक्सीन पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं कांग्रेसी शासित राज्य पंजाब, झारखंड और राजस्थान के मंत्री वैक्सीन के पक्ष में खड़े हो गए हैं। इन राज्यों के मंत्रियों ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वैक्सीन पर सवाल खड़ा करना ठीक नहीं है।
कांग्रेस झारखंड गठबंधन सरकार में शामिल है और वहां के एक मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि जनहित के मामलों में वह केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम जन कल्याण तथा देश कल्याण के मुद्दों पर राजनीति नहीं करते हैं। वैक्सीन के मामले में हम पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि किसी भी वैक्सीन का उपयोग करने से पहले केंद्र सरकार को इसकी प्रामाणिकता, प्रासंगिकता और उपयोगिता को समझना चाहिए।
वहीं राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि जब केंद्र सरकार हमें वैक्सीन उपलब्ध करा रही है, तो उस पर बेवजह सवाल नहीं उठने चाहिए। वैक्सीन के ट्रायल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने खुद सभी के साथ बैठकें की हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के सवाल किए जाने चाहिए।
उधर, पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन को विवादों में लाने की कोई जरूरत नहीं है। यह सभी के फायदे के लिए है। यह भारत तथा पूरी मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि है। मैं उन वैज्ञानिकों को शुक्रिया कहना चाहता हूं जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन को तैयार किया है।