राम मंदिर निर्माण कार्य मकर संक्रांति से शुरू हो जाएगा। इसकी जानकारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य अनिल मिश्रा ने दी। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति से श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण आरंभ होगा।
मिश्रा कहा कि मकर संक्रांति से श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिये तराशे गये कार्यशाला में पत्थरों की सफाई का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। मंदिर निर्माण तक वैज्ञानिक तकनीकी गतिविधियों का कार्य चलता रहेगा, जिससे मंदिर को कई हजारों साल तक रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि अभी हाल में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया गया है। यही कारण है कि जमीन की अंदरूनी स्थितियों का अध्ययन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में धन की कमी आने की कोई प्रश्न ही नहीं उठता क्योंकि पूरे देश के सहयोग से ही भव्य मंदिर का निर्माण संभव है।
उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला का सायंकाल आरती का दर्शन करना श्रद्धालुओं के लिये आसान हो जायेगा क्योंकि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं को पास देने का निर्णय लिया है। इस सुविधा का लाभ अब आम दर्शनार्थी भी उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि भविष्य में आनलाइन अग्रिम बुकिंग के माध्यम से भी श्रद्धालुगण यह सुविधा हासिल कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में कोई भी श्रद्धालु मोबाइल, कैमरा या कोई भी प्रतिबंधित सामग्र्री नहीं ले जा सकेगा। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं, जो मकर संक्रांंति से शुरू हो जायेंगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य श्री मिश्र के मुताबिक श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण चार-पांच सालों में पूरा कर लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कूपन के माध्यम से देश के घरों में भगवान श्रीराम का चित्र दे करके मंदिर निर्माण के लिये सहायता मांगी जा रही है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इसे चंदा के रूप में नहीं कहा जा सकता। मकर संक्रांति से राम मंदिर के नींव भरने का कार्य शुरू हो जाने की संभावना है क्योंकि वैज्ञानिकों के द्वारा जांच पड़ताल की जा चुकी है। उ
उन्होंने यह भी बताया कि वैज्ञानिकों ने अपनी जांच रिपोर्ट श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दे भी दिया है। इस सम्बन्ध में ट्रस्ट की कई बैठकें भी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर की आयु लंबी हो इसलिये वैज्ञानिकों के द्वारा जांच-पड़ताल करके हर एंगिल पर निर्माण कार्य को परखने के बाद ही धीरे-धीरे कार्य आगे बढ़ाया जायेगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि देश के दूरदराज से श्रद्धालुओं का आगमन बराबर हो रहा है और आसान तरीके से दर्शन भी कराया जा रहा है।