Masood Azhar
पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर (फाइल फोटो)

पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर अब गिरफ्तारी से नहीं बच पाएगा. पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों पर प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. गुजरांवाला आतंकरोधी अदालत (एटीसी) ने जेईएम के कुछ सदस्यों के खिलाफ पंजाब पुलिस के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) द्वारा शुरू आतंक के वित्तपोषण मामले की सुनवाई के दौरान वारंट जारी किया. एक अधिकारी ने बताया, ”एटीसी गुजरांवाला न्यायाधीश नताशा नसीम सुप्रा ने मसूद अजहर के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और सीटीडी को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. सीटीडी ने न्यायाधीश को बताया कि जेईएम प्रमुख आतंक के वित्तपोषण में संलिप्त था और वह जेहादी साहित्य बेचता है.”

उन्होंने बताया कि सीटीडी के एक निरीक्षक के अनुरोध पर एटीसी न्यायाधीश ने अजहर के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. समझा जाता है कि अजहर अपने पैतृक शहर बहावलपुर में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है. भारत में फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अभियान शुरू किया था और इस मामले में गुजरांवाला में जेईएम के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. गुजरांवाला, लाहौर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

सीटीडी ने कहा कि उसकी टीमों ने जेईएम के ‘सुरक्षित ठिकानों पर छापेमारी की और संगठन के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से लाखों रुपए नकदी बरामद की. पुलवामा हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर पाकिस्तान सरकार ने जेईएम प्रमुख के बेटे और भाई समेत प्रतिबंधित आतंकी संगठन के 100 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया था. सरकार ने जेईएम, मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद के जमात उद दावा (जेयूडी) और फलाहई इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) की संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया था.

आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली थी. पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसा और जामा मस्जिद सुभानल्लाह समेत जेईएम मुख्यालय पर नियंत्रण का दावा किया है. सरकार के मुताबिक वहां 600 छात्र पढ़ाई करते हैं और उनमें से कोई भी आतंकी संगठन से नहीं जुड़ा है. मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. ऐसे में मसूद अजहर पाकिस्तानी कोर्ट की कार्रवाई उसकी करतूतों को बेनकाब करती है.

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