कोरोना संकट के चलते देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर तगड़ा झटका लगा है। अब धीरे-धीरे इकोनॉमी पटरी पर लौट रही है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट जीडीपी में दर्ज की गई थी. जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
कोविड-19 महामारी की अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपये रहेगी। वित्त वर्ष में 2019-20 में यह आँकड़ा 145.66 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार जीडीपी में इस वर्ष 7.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जायेगी। वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी 4.2 प्रतिशत बढ़ी थी।
आठ प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में सिर्फ कृषि और बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य यूटिलिटी सेवाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य सभी क्षेत्र गिरावट में रहे हैं। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवा क्षेत्र में 21 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही।
एनएसओ की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है “कोविड-19 महामारी का संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च 2020 से कुछ प्रतिबंध लगाये गये थे। धीरे-धीरे ये प्रतिबंध हटा लिये गये हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधियों और आँकड़ों के संकलन पर इसका असर पड़ा है।” इसमें कहा गया है कि चूँकि आँकड़ों का संकलन पूरी तरह नहीं हो पाया है, इसलिए बाद में इन आँकड़ों में बड़े बदलावों की संभावना है।
आपको बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के दौरान उम्मीद से अधिक तेजी से भरपाई हुई और इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा. इस कारण उपभोक्ता मांग में सुधार की उम्मीद है.