टीआरपी फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी पर 15 जनवरी कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगा। मुंबई पुलिस ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा कि टीआरपी से हेरफेर के मामले में रिपब्लिक टीवी तथा उसके एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कुछ सबूत मिले हैं, इसलिए वह नहीं चाहती है कि अर्नब को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा न मिले। हालांकि, हाई कोर्ट ने किसी भी दलील को सुने बिना मामले की सुनवाई 15 जनवरी तक स्थगित कर दी।
हाई कोर्ट में सुनवाई में रिपब्लिक टीवी के वकील हरीश साल्वे शामिल नहीं हो पाए। वहीं, दूसरे वकील परिवार में मेडिकल इमरजेंसी की वजह से नहीं आए, जिसके कारण कोर्ट ने सुनवाई 15 जनवरी तक के लिए टाल दी। इस पर, मुंबई पुलिस के वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की अगली तारीख तक आरोपियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से परहेज करने पर सहमति जताई।
सिब्बल ने सुनवाई स्थगित किए जाने उल्लेख करते हुए कहा, “हमें (मुंबई पुलिस) रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बार्क के मामले में जांच के दौरान साक्ष्य मिले हैं। हम (पुलिस) इस आपात स्थिति के कारण आरोपियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने पर सहमत हैं।“ उन्होंने कहा कि पुलिस अगली सुनवाई के दौरान मामले में अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करेगी।
आपको बता दें कि सिब्बल ने पिछले साल 16 दिसंबर को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट से कहा था कि रिपब्लिक टीवी का संचालन करने वाली एआरजी आउटलाइयर मीडिया (एओएम) के किसी भी कर्मचारी या गोस्वामी के खिलाफ छह जनवरी तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बार्क (BARC) यानी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रीसर्च काउंसिल ने गत वर्ष टीआरपी (TRP) यानी टेलीविजन रेटिंग पॉइंट में हेरफेर को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। बार्क की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि विज्ञापनदाताओं से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए कुछ टीवी चैनलों ने टीआरपी नंबर के साथ हेरफेर किया है।