प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक-केरल के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. पीएम ने कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें कर्नाटक, केरल के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इस पूरी पाइपलाइन की लंबाई करीब 450 किमी. है, जिससे दोनों राज्यों के कई जिलों को सीधे बड़ा फायदा मिलने जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कोच्चि मेंगलुरु पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित की। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह सिर्फ एक पाइपलाइन है बल्कि इससे केरल और कर्नाटक के विकास को गति देने में बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। यह पाइपलाइन दोनों राज्यों में लाखों लोगों के जीवन को सरल बनायेगी और इससे गरीब, मध्यम वर्ग और उद्यमियों का खर्च कम होगा। पाइपलाइन से अनेक शहरों में गैस का वितरण किया जा सकेगा तथा शहरों में सीएनजी आधारित ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पाइपलाइन से मैंगलोर केमिकल एवं फर्टिलाइजर प्लांट को ऊर्जा मिलेगी जिससे कम खर्च में खाद बनाने में मदद मिलेगी। इससे मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल को भी ऊर्जा मिलेगी। इसके साथ ही दोनों राज्यों में प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। जब ये पाइपलाइन पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देगी तो देश की हजारों करोड़ की विदेशी मुद्रा भी बचेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली इंटरस्टेट नैचुरल गैस पाइपलाइन वर्ष 1987 में कमीशन हुई थी। इसके बाद वर्ष 2014 तक यानी 27 साल में 15 हजार किलोमीटर नैचुरल गैस पाइपलाइन बनी। आज देशभर में 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा नई गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है। ये काम अगले चार से छह वर्षों में पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि देश में पहला सीएनजी स्टेशन वर्ष 1992 के आसपास शुरू हुआ था। साल 2014 तक 22 साल में, देश में इसकी संख्या 900 से ज्यादा नहीं थी जबकि पिछले छह वर्षों में 1500 के करीब नये स्टेशन शुरू हुए हैं। अब सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है कि देशभर में सीएनजी स्टेशनों की संख्या को 10 हजार तक पहुंचाया जाए। अभी जो ये पाइपलाइन कमीशन हुई है, उससे केरल और कर्नाटक के अनेक शहरों में 700 सीएनजी स्टेशन खोलने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि ये पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस की सुविधा मिल पाएगी. साथ ही स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा. इस पाइपलाइन का निर्माण गेल द्वारा किया गया है. इसके जरिए पीएनजी, सीएनजी सेक्टर को सीधा लाभ मिल सकेगा.