केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमाम उन अटकलों पर विराम लगा दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि अगले हफ्ते से कोरोना वायरस के टीके लगने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने साफ कहा कि अभी टीके लगाने के लिए सरकार से अनुमति नहीं मिली है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को औषधि महानियंत्रक की मंजूरी मिल गयी है और सरकार की अनुमति मिलते ही इसके टीके लगाने शुरू कर दिये जायेंगे।
भूषण ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को औषधि महानियंत्रक की मंजूरी तीन जनवरी को मिलने के 10 दिनों के भीतर इसके टीके लगाने की व्यवस्थायें पूरी कर ली जायेंगी और सरकार की त्वरित अनुमति मिलते ही टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि इसके टीकाकरण पर अंतिम निर्णय सरकार का होगा।
उन्होंने कहा कि देश में इस समय प्राथमिक वैक्सीन स्टोर (जीएसएमडी) मौजूद हैं जो करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में हैं और इसके अलावा इसके बाद देश 37 वैक्सीन केंद्र हैं। यहां वैक्सीन का भंड़ारण किया जाएगा तथा फिर यहां से वैक्सीन को जिलों में भेजा जाएगा। जिला स्तर से इन वैक्सीन को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाएगा।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने इसके वैक्सीन कार्यक्रम में बताया कि यह पूरा कार्यक्रम ‘क्लीनिकल ट्रायल मोड’ में होगा यानी इसमें ‘प्लेसेबो’ को कोई जगह नहीं दी जाएगी और टीके को लगवाने के इच्छुक लोगों की सहमति जरूरी है। टीके को लगवाने के बाद लोगों का ‘क्लोजर फालोअप’ भी किया जाएगा कि कहीं उनमें कोई गंभीर दुष्प्रभाव तो नहीं देखने को मिल रहे हैं।
वहीं, राजेश भूषण ने बताया कि देश में अभी करीब 29000 कोल्ड चेन प्वाइंट है। जहां इन कोल्ड चेन प्वाइंट पर कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित प्रकार से भंडार कर रखा जा सकता है। दूसरी ओर, भारत द्वारा जरूरतमंद देशों को भी कोरोना का टीका देने का भी भरोसा दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बतया कि भारत की ओर से कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई है।