गांधी परिवार के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा आयकर विभाग (आईटी) की टीम ने पूछताछ की. ये पूछताछ बेनामी संपत्ति के मामले में हुई है. पूछताछ के बाद वाड्रा ने कहा कि हमने आयकर विभाग की टीम को हर सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि न्याय और सच की जीत होगी, मेरे पास छिपाने और चिंता करने के लिए कुछ भी नहीं है, जांच चल रही है तो सच्चाई भी सामने आ जाएगी. ये पूछताछ वाड्रा के दक्षिण पूर्व दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित दफ्तर में हुई.
हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि किस मामले में वाड्रा से पूछताछ की गई, लेकिन सूत्रों के हवाले से जो खबर आई है उसमें कहा गया है कि वाड्रा की फर्म स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने राजस्थान के बीकानेर में जमीन खरीदी थी, लेकिन ये जमीन गरीब ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए थी. इस मामले में उन पर 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था.
आपको बता दें कि इसके अलावा 2018 में वाड्रा और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंदर सिंह हुडा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ को काफी ऊंचे रेट पर बेची थी. तब वाड्रा ने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
वहीं, वाड्रा पर लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर में गलत तरीके से 19 लाख पाउंड कीमत का मकान खरीदने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, आयकर विभाग फरार हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ कालाधन कानून और कर कानून के तहत दर्ज मामलों की जांच कर रहा था. इस दौरान विभाग को अरोड़ा की भूमिका पर भी संदेह हुआ. इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि लंदन में भंडारी ने 1.9 लाख पाउंड में संपत्ति खरीदी थी. उसकी मरम्मत पर 65,900 पाउंड खर्च करने के बाद 2010 में उतनी ही रकम में वाड्रा को बेच दी थी. इससे साफ हो गया कि भंडारी इस संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं था, बल्कि उसने वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सौदा किया था.
आपको बता दें कि आरोप यह भी है कि वाड्रा के स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के कर्मचारी अरोड़ा की इस सौदे में अहम भूमिका थी. उसे वाड्रा की विदेशी अघोषित संपत्ति की भी जानकारी थी और पैसों का इंतजाम करने में भी उसकी अहम भूमिका है. अरोड़ा फिलहाल अंतरिम जमानत पर है.