पूरी दुनिया में अब कोरोना वैक्सीन की चर्चा है. चर्चा इसलिए है क्योंकि कई देशों ने वैक्सीन तैयार कर ली है. वहीं कई राष्ट्रों में टीककरण अभियान भी शुरू को गया है. भारत नें भी दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इसमें ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत की कोवैक्सीन शामिल है. पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट में ऑक्सफोर्ट-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण हो रहा है.
बता दें कि कोरोना वायरस वैक्सीन की कीमतों को लेकर लंबे समय से संशय की स्थित बनी हुई थी. लेकिन रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने वैक्सीन की कीमत को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार को ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 200 रुपए में दी जाएगी. वहीं, जनता को यह वैक्सीन 1 हजार रुपए में मिलेगी. पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट में ऑक्सफोर्ट-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण हो रहा है. गौरतलब है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को कोविशील्ड को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है.
आपको बता दें कि भारत में जल्द ही वैक्सीन प्रोग्राम शुरू हो जाएगा. इसके लिए सरकार ने भी तैयारियां कर ली हैं. शनिवार (2 जनवरी) को देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्राई रन किया गया था. भारत सरकार के अलावा यूरोपीय संघ भी वैक्सीन निर्माताओं की मदद के लिए आगे आया है. ईयू ने यह मदद वैक्सीन निर्माण बढ़ाने और वितरण को आसान करने के लिए की है.
दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि वे हर महीने ऑक्सफोर्ट-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन के 50-60 मिलियन डोज बना रहे हैं. कंपनी ने कहा है कि यह वैक्सीन फाइजर-बायोएनटेक के मुकाबले सस्ती है और ट्रांसपोर्टेशन भी आसान है. खास बात है कि भारत ने 2021 के मध्य तक 130 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है.
कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन के 40-50 मिलियन डोज लगाए जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने का इंतजार कर रहे हैं. 7-10 दिनों में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी हमें वैक्सीन निर्यात करने की अनुमति नहीं दी है. जबकि, साऊदी अरब और दूसरे कुछ देशों से हमारे द्वपक्षीय संबंध हैं.