कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा किसान धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि इन कानूनों को खत्म किया जाए. पिछले 37 दिन से किसान यहां पर बैठे हैं किसान संगठनों का। आंदोलन कर रहे किसानों ने भी नया साल मनाया लेकिन कुछ अलग अंदाज में। किसानों ने नव वर्ष के अवसर पर कीर्तन भजन किया और एक दूसरे को नये साल की शुभकामनाएं दी। किसानों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए वर्ष में मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द करेगी।
वहीं, पंजाब, राजस्थान और कई अन्य राज्यों से किसानों के नये-नये जत्थे राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं। किसान संगठनों के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली से आ रहे हैं। वे अपने साथ राशन-पानी भी ला रहे हैं। नये जत्थों में युवाओं के अलावा महिलाएं और बच्चे भी हैं।
किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों की वापसी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। कड़ाके की ठंड का उन पर कोई असर नहीं है और वे अपनी मांगों के पूरा होने तक धरना प्रदर्शन करने को कृत संकल्प हैं।
किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिये विदेशों से भी कुछ लोग आये हैं। इनमें कई कलाकार हैं। जो वहां किसानों का मनोरंजन कर रहे हैं और उनके हौंसले को बढ़ा रहे हैं।
आपको बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के बीच 4 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होने वाली है। सरकार और किसान संगठनों के बीच दो मामलों पर सहमति बनी है, जिनमें बिजली बिल पर सब्सिडी जारी रखना और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया जाना प्रमुख है। लेकिन अभी एमएसपी और अन्य मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है.