फोटो सोशल मीडिया

यमन के अदन एयरपोर्ट बुधवार को हुए हमले में मरने वालों की संख्या  25 हो गई है, जबकि 110 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी यमन के स्वास्थ्य मंत्री कासिम बिहावुह ने गुरूवार को दी ।

अल जजीरा टीवी ने कासिम बिहावुह के हवाले से बताया, “अदन हवाई अड्डे पर हमले से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है, 110 लोग घायल हुए हैं।”  सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घायलों में संचार उप मंत्री, क्षेत्रीय सरकार के अधिकारी और एक स्थानीय जेल के निदेशक भी शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस घटना की निंदा की है। गुटेरेस के प्रवक्ता फरहान हक़ ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यमन सरकार के नए मंत्रियों के अदन पर हवाई अड्डे पर पहुंचने के दौरान हुए विस्फोट की  निंदा की है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य लोग घायल भी हो गए। संरा प्रमुख ने इस विस्फोट में मारे गए लोगों, यमन की सरकार तथा लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं।”

इस धमाके के कुछ देर पहले ही सरकार के नए कैबिनेट मंत्रियों को लेकर एक जहाज यहां पहुंचा था। ये मंत्री सऊदी अरब से लौटे थे। खास बात है कि यमन में लंबे समय से गृहयुद्ध जारी है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि जहाज लैंड होने के कुछ समय बाद ही एयरपोर्ट पर गोलियां चलने की आवाजें सुनाईं दी थीं। प्रधानमंत्री मईन अब्दुलमलिक और राजदूत सईद अल जबर समेत कैबिनेट सदस्यों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। वहीं पीएम मईन ने ट्वीट के जरिए सुरक्षित होने की पु्ष्टि की है। उन्होंने लिखा, ‘हम और सरकार के सदस्य अदन की अस्थायी राजधानी में हैं और सब कुछ ठीक है।’ उन्होंने लिखा, ‘अदन एयरपोर्ट को निशाना बनाकर किया गया यह कायर आतंकी हमला उस युद्ध का हिस्सा है, जो यमन राज्य और इसके महान लोगों के खिलाफ छेड़ा गया है।’

आपको बता दें कि पीएम सईद के नए मंत्रिमंडल को राष्ट्रपति अब्द रब्बो मंसूर हादी के प्रति वफादार बलों और अलगाववादी सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) के बीच जारी दरार को ठीक करने के मकसद से किया गया था। सरकार ने इस कैबिनेट के जरिए दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को दूर करने के प्रयास किया था. 2015 में तेज हुए विवाद के बाद यमन में हालात काफी बिगड़ गए थे। उस दौरान सऊदी के नेतृत्व वाले अरब राज्य ने हौथियों को हराने के लिए और राष्ट्रपति हादी की सत्ता को बहाल करने के लिए सैन्य कार्रवाई की थी।
सरकार के सभी सदस्य अलगाववादियों के साथ समझौता कर वापस अदन लौटे थे। नए मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति हादी की सरकार को दक्षिणी अलगाववादियों के साथ एकजुट किया था।

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