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सचिवालय के जलाशय को लेकर बोले नीतीश- 'चार जनवरी के बाद बच्चे आ सकेंगे यहां' - Prakhar Prahari
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सचिवालय के जलाशय को लेकर बोले नीतीश- ‘चार जनवरी के बाद बच्चे आ सकेंगे यहां’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय के जलाशय को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चार जनवरी के बाद बच्चे सचिवालय जलाशय का भ्रमण कर सकेंगे।

सीएम नीतीश कुमार ने सचिवालय परिसर स्थित राजधानी जलाशय का भ्रमण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछली बार दिसंबर में जब वह यहां आए थे उस दौरान कहा था कि यहां आने वाले समय में काफी संख्या में पक्षियों का आगमन होगा। आज यहां काफी संख्या में पक्षियों को देखकर उन्हें खुशी हो रही है। पर्यावरण के दृष्टिकोण से इस जलाशय को विकसित किया गया है। यह काफी सुंदर दिख रहा है और पक्षियों का कलरव बहुत ही अच्छा लग रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी जलाशय का निर्माण स्कूली बच्चों के लिए किया गया है। यहां 20-20 के समूह में गाइड के साथ स्कूली बच्चों को लाकर भ्रमण कराया जाएगा। नए वर्ष में चार जनवरी के बाद बच्चों का भ्रमण शुरू होगा और इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि पक्षियों को किसी तरह दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को प्रकृति से जुड़ने का एहसास होना चाहिए। बच्चे यहां पर आकर प्रकृति से जुड़ी हुई सारी चीजों को देखेंगे जिसका उन पर व्यापक असर होगा। उनकी रूचि प्राकृतिक, जैव विविधता और पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता को लेकर बढ़ेगी।

सीएम को भ्रमण के दौरान राजधानी जलाशय के क्षेत्र में पाए जाने वाले वनस्पतियों और पक्षियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यहां 36 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति देखी गई हैं, जिनमें कुछ प्रजाति प्रवासी पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। लगभग 17 प्रजातियां जलीय तथा लगभग 19 प्रजातियां आसपास के क्षेत्र के स्थलीय पक्षियों की श्रेणी में आते हैं। मुख्य जलीय पक्षी प्रजातियों में लालसर, कुट, पिंटेल, गड़वाल, कॉम्ब डक एवं स्थलीय पक्षी में ट्रीपाई, कोयल, धनेश, रौलर पाई जाती है।

प्रवासी प्रजाति पक्षियों से लेसर व्हिसलिंग डक, फेरोजीनस डक, कॉरमोरंट, मूरहेन, गड़वाल प्रमुख हैं। यहां पक्षियों के अधिक से अधिक जमावड़े के लिए अन्य सुविधाओं के साथ-साथ भोजन के रूप में मछली, कीड़े, जलीय पौधे, गीली घास एवं अन्य चीजें उपलब्ध है। शहर की घनी आबादी के बीच यह नैसर्गिक स्थल बन गया है। वन विभाग द्वारा राजधानी जलाशय का प्रबंधन किया जा रहा है और यहां पर पुरानी कैंटीन की जगह भव्य भवन में पक्षियों पर इंटरप्रिटेशन केंद्र विकसित किया जाएगा।

General Desk

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