कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दुनिया में हड़कंप मचा है। भारत सरकार नए कोरोना स्ट्रेन को देखते हुए ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर 31 दिसंबर तक के लिए लगाए गए प्रतिबंध को आगे बढ़ा सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसके संकेत देते हुए कहा कि ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर 31 दिसंबर के बाद भी प्रतिबंध जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मैं इस अस्थायी प्रतिबंध पर एक संक्षिप्त विस्तार की उम्मीद करता हूं। मैं विस्तार को लंबे या अनिश्चित समय तक नहीं देखता।
पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रतिबंध आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने पर अभी विचार चल रहा है। इस पर फैसला कोविड-19 से निपटने के लिए बने मंत्रियों के समूह को करना है। जिसमें वह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा “मुझे लगता है कि अस्थायी प्रतिबंध कुछ समय के लिए बढ़ाया जायेगा।”
कोविड-काल में 24 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों के तहत उड़ानें शुरू की गई थीं। ब्रिटेन और भारत के बीच सप्ताह में 60 से अधिक उड़ानों का परिचालन किया जा रहा था।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 25 नवंबर को या उसके बाद जितने यात्री ब्रिटेन से सीधे या ब्रिटेन होकर किसी भी रास्ते से देश में आये हैं उनकी पहचान का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। कुछ यात्रियों के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही उन यात्रियों तक भी संबंधित प्रशासन पहुँच जायेगा।
वहीं, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम् हवाई अड्डों का प्रबंधन निजी हाथों में सौंपने के लिए जनवरी में रियायत समझौता होगा। नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने आज यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन तीनों हवाई अड्डों के निजीकरण लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त में मंजूरी दी थी। गत 01 सितंबर को इसके लिए सुरक्षा संबंधी मंजूरी भी मिल गई है और जनवरी में अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ रियायत समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।
हवाई अड्डों के निजीकरण के पहले चरण में जिन छह हवाई अड्डों के लिए बोली लगाई गई थी, ये तीनों हवाई अड्डे भी उसमें शामिल थे। मंत्रिमंडल ने अहमदाबाद, लखनऊ और मेंगलुरु हवाई अड्डों के निजीकरण की मंजूरी जुलाई 2019 में ही दे दी थी। इनका प्रबंधन भी अडाणी इंटरप्राइजेज को ही सौंपा गया है। कंपनी ने इस साल 31 अक्टूबर से मेंगलुरु, 01 नवंबर से लखनऊ और 07 नवंबर से अहमदाबाद हवाई अड्डे का प्रबंधन शुरू कर दिया है। दूसरे चरण में वाराणसी, अमृतसर, भुवनेश्वर, रायपुर, इंदौर और त्रिचि हवाई अड्डों को निजी हाथों में देने की सिफारिश नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने की है। इसके लिए निविदा की शर्तों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।