मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली की दहलीज पर पिछले एक महीने से किसान धरना दे रहे हैं. 6 दौर की वार्ता सरकार के साथ हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है. इस मसले पर 29 दिसंबर को दोनों पक्षों के बीच बातचीत होनी थी लेकिन केंद्र की ओर से इस तारीख में तब्दीली की गई है.
मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे किसानों के प्रस्ताव का जवाब देते हुए सरकार ने कहा है कि वह किसानों से इस मुद्दे पर 30 दिसंबर को बातचीत करने के लिए तैयार है. इससे पहले किसानों ने सरकार को 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव भेजा था. बता दें कि कृषि कानून के मसले पर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक महीने से ज्याद समय से किसानों द्वारा प्रदर्शन जारी है.
#FarmLaws: Central Government calls farmers for meeting on 30th December, 2pm at Vigyan Bhawan in Delhi pic.twitter.com/VqFxj9thZF
— ANI (@ANI) December 28, 2020
ऐसे में किसान नेताओं की तरफ से कहा गया था कि, “हम सरकार के साथ बातचीत करने के तैयार हैं, वहीं किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाय.”
अब सरकार ने किसानों के इस प्रस्ताव का जवाब देते हुए 30 दिसंबर को बातचीत करने का फैसला किया है. कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को पत्र लिखकर कहा है कि अगले दौर की वार्ता 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी.
इससे पहले 26 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेताओं ने लिखा था कि, “सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार हैं, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं और हमारा प्रस्ताव है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाय.”
बता दें कि इसके जवाब में सरकार ने किसानों को लिखा है कि वह किसानों के गिए प्रस्तावों पर चर्चा करने के लिए तैयार. दरअसल किसानों द्वारा बैठक का एजेंडा भी तय कर लिया गया था. इस एजेंडे के अनुसार कुछ बिंदुओं को किसानों ने रखा है जिसमें पहला, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि. वहीं दूसरा सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान हों.