गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर हैं। मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुंचे शाह ने कई योजनाओं का उद्घाटन किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इम्फाल में कार्यक्रम में कहा मणिपुर को पहले विद्रोह, नाकेबंदी और बंद के लिए जाना जाता था, लेकिन अब अधिकतर उग्रवादी मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को इनर लाइन परमिट के रूप में सबसे बड़ा तोहफा दिया है। पूरे पूर्वोत्तर में शांति बहाल हो और पूर्वोत्तर तेज़ गति से विकास के रास्ते पर चल सके इसके लिए मोदी जी ने ढेर सारी समस्याओं का निराकरण किया।
शाह ने यहां हाप्ता कांगजेइबुंग में एक सार्वजनिक स्वागत समारोह के दौरान कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का नंबर एक देश बनने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि विश्व के देशों में शीर्ष पर पहुंचने की भारत की यात्रा के दौरान राष्ट्र के किसी भी हिस्से, विशेष रूप से पूर्वोत्तर को किसी भी सूरत में पीछे नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस पूर्वोत्तर के राज्यों में शासन कर रही थी, तब पूरे देश में विद्रोहियों, बंद और नाकेबंदी आदि में वृद्धि दर्ज की गयी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में भाजपा की सरकारें बनने के बाद अधिकांश विद्रोहियों ने अपनी बंदूकें छोड़ दी और मुख्यधारा में लौट आये। शेष बचे समूह भी मुख्यधारा में लौट आएंगे।
गृह मंत्री ने बताया कि ब्रू, रियांग, बोडो और अन्य समुदायों से संबंधित समस्याओं का निपटारा किया गया है और अधिकांश भूमिगत संगठनों ने अपने हथियार डाल दिये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्र के लोगों और संगठनों की मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी।
उन्होंने मणिपुर सरकार से एक फॉरेंसिक संस्थान के साथ एक विज्ञान महाविद्यालय को संबद्ध करने की अपील की ताकि क्षेत्र के लोग फॉरेंसिक विज्ञान के पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर सकें।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने मणिपुर के मूल लोगों की सुरक्षा के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू करने का ऐतिहासिक फैसला किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के सभी मंत्रियों के पूर्वोत्तर की यात्रा करने के निर्देश के कारण नियमित रूप से कई परियोजनाएं पूरी हुईं। पिछली सरकारों ने आधारशिला रखी और वर्तमान सरकार कार्यों को पूरा कर रही है और परियोजनाओं का उद्घाटन कर रही है।
श्री शाह ने कई परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें थोउबल मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट भी शामिल है, जिसका निर्माण 1998.99 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ किया गया है तथा बिष्णुपुर से तुपुल और थोउबल से कासोम खुल्लेन तक सड़क परियोजना है, जिसकी अनुमानित लागत 475.65 करोड़ रुपये है। उन्होंने एक राज्य व्यापी ईऑफ़िस भी लॉन्च किया।
उन्होंने कहा कि पूरे देश को समान रूप से विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विकास कार्यों की श्रृंखला शुरू की गयी है। प्रधानमंत्री  ने 40 से अधिक बार इस क्षेत्र का दौरा किया है, जो कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे को विकसित करने और शांति एवं विकास सुनिश्चित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सुधार करने के लिए पूर्वोत्तर मंत्रालय के बजट में तीन गुना वृद्धि की गयी और उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत कोष का उपयोग आंतरिक क्षेत्रों के विकास के लिए किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर के लोग देश में नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन के चरम पर रहने के दौरान आईएलपी को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के ऋणी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री लंबे भाषण देने की बजाय कार्रवाई में विश्वास करते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्र पूर्वोत्तर के राज्यों में शुरू की गयी कई परियोजनाओं और पहलों का अनुसरण करता है और इस दिशा में सबसे अच्छा उदाहरण कोविड महामारी का प्रबंधन था।
मणिपुर सरकार के अधिकारियों ने उन परियोजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया जो शुरू की जाने वाली हैं और यह भी कहा   कि ई-ऑफिस का कार्यान्वयन तुलनात्मक रूप से अधिकांश राज्यों की तुलना में बेहतर है और अधिकांश फाइलों को डिजिटल रूप से संसाधित कर दिया गया है। श्री शाह का इंफाल से रवाना होने से पहले आज विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलने का कार्यक्रम है।

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