नई दिल्ली: अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विश्व के उत्कृष्ट दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी की है. इसमें दुनिया कई दिग्गज देशों के वैज्ञानिकों के नाम सामने आए है. इसमें भारत के भी एक वैज्ञानिक ने देश का नाम रोशन किया है. ये वैज्ञानिक बिहार के हैं और इनका नाम है डॉ. धीरेंद्र नारायण सिंह. तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर डॉ. धीरेंद्र नारायण सिंह ने ऐसा क्या काम किया, जिससे वे दुनिया के उत्कृष्ट दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की की कतार में शामिल हो गए.
स्कूल ऑफ प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी की ओर से रविवार (27 दिसंबर) को जारी बयान में बताया गया है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विश्व के उत्कृष्ट दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी की है. बिहार के डॉ. धीरेंद्र नारायण सिंह को कैंसर विषय पर शोध के लिए वर्ष 2019 की इस सूची में शामिल किया गया है.
डॉ. सिंह के 200 से ज्यादा वैज्ञानिक शोध विश्व के प्रतिष्ठित जर्नल जैसे द लांसेट, द लांसेट ऑन्कोलॉजी, द लांसेट ग्लोबल हेल्थ, द लांसेट गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, द लांसेट न्यूरोलॉजी, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल, द नेचर, न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है. इन वैज्ञानिक प्रकाशनों को विश्व भर में 21 हजार से ज्यादा प्रकाशनों में उद्धृत किया गया है.
डॉ. धीरेंद्र नारायण सिंह ने देश-दुनिया के लिए दी ये सेवाएं
आपको बता दें कि डॉ. सिंह पिछले 20 साल से हावर्ड विश्वविद्यालय के विजिटिंग साइंटिस्ट के तौर पर काम किया है. इसके अलावा वह दो दशक से ज्यादा समय अवधि तक पटना चिकित्सा महाविद्यालय सहित बिहार के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में सर्जरी विभाग के फैकल्टी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में 10 वर्षों तक क्षेत्रीय सलाहकार (दक्षिण-पूर्व एशिया) के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं. वे लियोन, फ्रांस स्थित इंटरनेशनल एजेंसी ऑन कैंसर रिसर्च द्वारा प्रकाशित स्मोकलेस टोबैको एंड नाइट्रोसामिन मोनोग्राफ की वर्किंग कमिटी में भी थे. वह हीलिस शेखसरिया, मुंबई और हावर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से चल रहे ‘तंबाकू मुक्त शिक्षक तंबाकू मुक्त समाज’ परियोजना बिहार के अनुसंधानकर्ता भी हैं. इसनी सारी उपलब्धियों के मालिक सिंह को अगर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने इस सूची में रखा है तो यकीनन वो इसके हकदार हैं.