Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
राजनीति पर भरोसा तभी जमेगा जब स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा मिलेगा: नायडू - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

राजनीति पर भरोसा तभी जमेगा जब स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा मिलेगा: नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सार्वजनिक जीवन में नैतिक मूल्यों के क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तत्काल व्यवस्था को साफ करने और स्वच्छ राजनीति को बढ़ावा देने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई नहीं गई तो लोग राजनीतिक वर्ग के प्रति विश्वास खो देंगे।

नायडू ने आज यहां इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीसरे अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल व्याख्यान में बल देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों का कर्त्तव्य है कि वह सुनिश्चित करें कि विधायकों सहित उनके सभी सदस्य हर समय और सभी जगहों पर नैतिक आचरण बनाए रखें।

उन्होंने विधायकों से बहस के स्तर को बढ़ाने, मानकों का पालन करने, अनियंत्रित व्यवहार से बचने और हमेशा चर्चा, बहस और निर्णय से जुड़े रहने और बाधा से बचने की अपील की। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर खेद जताया कि मूल्य-आधारित राजनीति की अनुपस्थिति, विचारधारा के अभाव, सत्ता की भूख, बाहुबल, धनबल और राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के प्रवेश के कारण राजनीति में हिंसा बढ रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “जब तक इन अवांछनीय रुझानों पर रोक नहीं लगायी जाती, स्थिति और बिगड़ेगी तथा देश की राजनीति को अपूरणीय क्षति हो सकती है।”

उन्होंने दलबदल विरोधी कानूनों को अप्रभावी बनाये जाने की तरफ ध्यान आकर्षित कराते हुए इन कानूनों को अधिक सख्त और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि दलबदल मामलों की लंबे समय तक अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि पीठासीन अधिकारियों को तीन महीने के भीतर दलबदल के मामलों को निपटाना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हम दलबदल विरोधी कानूनों में खामियों को दूर करने में विफल रहे तो यह लोकतंत्र का मजाक होगा।

उन्होंने राजनीतिक दलों से लोकलुभावनवाद को दूर करने और दीर्घकालिक विकास को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।उन्होंने कहा “राजनीतिक दलों को प्रतिस्पर्धी लोकलुभावनवाद का सहारा नहीं लेना चाहिए। इस तरह की नीतियां लंबे समय में अनुत्पादक साबित होंगी।”

उन्होंने युवाओं से श्री अटल जी जैसे दूरदर्शी राजनेताओं के जीवन से सीख लेने और भ्रष्टाचार, किसी भी रूप में भेदभाव, महिलाओं के खिलाफ हिंसा तथा गरीबी की समस्या जैसी बुराइयों को दूर करने में आगे आने की अपील की।

General Desk

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

1 day ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

3 days ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

3 days ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

3 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

4 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

4 days ago