Subscribe for notification
राष्ट्रीय

किसान 29 को करेंगे सरकार से सशर्त बात, बताया किन बिंदुओं पर होगी चर्चा…

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करे.  किसानों का ये प्रदर्शन एक महीने से चल रहा है. 6 दौर की सरकार से वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. एक बार फिर से बातचीत के लिए मोदी सरकार ने किसानों को न्योता  भेजा था. इस मामले पर आज किसानों ने बैठक की और वार्ता के लिए शर्त रखी. अब संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने जवाब में सरकार से 29 दिसंबर को बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही अपनी उन 4 मांगों को भी भेजा है जिन्हें मामने पर ही वार्ता संभव हो पाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए. साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में किसान मोर्चा ने कहा, ‘अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है. हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. सरकार ने इसे तोड़-मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी.’
उन्होंने कहा, ‘आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है. अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें.
मोर्चा की ओर से सरकार को भेजे गए जवाब में कहा गया, ‘बहरहाल, चूंकि आप कहते हैं कि सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं. हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए.’
किसानों की ये हैं चार मांगें
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रस्तावित बैठक के लिए 4 सूत्री मांग के साथ एजेंडा तय करने का अनुरोध किया. मोर्चा की ओर से जो 4 मांगें रखी गईं वो इस प्रकार है.
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द या निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.
3. ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020’ में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं.
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे में जरूरी बदलाव.
40 किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने कहा कि हम फिर दोहराना चाहते हैं किसान संगठन खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं और रहेंगे.
General Desk

Recent Posts

मध्य प्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी, आज बागेश्वर धाम चिकित्सालय की रखेंगे आधारशिला

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…

5 minutes ago

मौसम ने बदला मिजाज, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी, 13 राज्यों में ओलावृष्टि के अलर्ट

दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…

23 hours ago

RSS की वजह से मराठी सीखी, संघ ने लोगों को देश के लिए जीने की प्रेरणा दीः PM मोदी

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है और वह इस भाषा को…

1 day ago

बीजेपी को वादे याद दिलाने की बजाय कैग की रिपोर्ट पर जवाब देने की तैयारी करें आतिशीः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को नसीहत…

1 day ago

बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह पर सरकारी खजाने से एक पैसा भी खर्च नहीं किया गयाः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी की दिल्ली प्रदेश इकाई ने आम आदमी पार्टी और बीजेपी तथा सुशासन और कुशासन…

1 day ago

पहली बार विधायक बनीं, अब दिल्ली CM:RSS ने नाम बढ़ाया, जानें कौन हैं रेखा गुप्ता

संवाददाताः RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सक्रिय सदस्य रहीं 50 वर्षीय रेखा गुप्ता दिल्ली की नौवीं CM हैं। बीजेपी…

2 days ago