सरकार ने डीटीएच सेवा में विदेशी निवेश बढ़ाने, लाइसेंस शुल्क घटाने और सभी सेवा प्रदाताओं के लिए कॉमन सेट टॉप बॉक्स की मंजूरी प्रदान कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यहाँ हुई बैठक में डीटीएच सेवा से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि डीटीएच सेवा संबंधी दिशा-निर्देशों में कई बदलाव किये गये हैं। सेवा प्रदाता अब आपसी सहमति से बुनियादी ढाँचा जैसे स्पेक्ट्रम आदि साझा कर सकते हैं।
साथ ही सब्सक्राइबर प्रबंधन प्रणाली और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम से जुड़े कॉमन हार्डवेयर यानी कॉमन सेट टॉप बाक्स के इस्तेमाल की भी अनुमति मिल गई है। इससे डीटीएच ऑपरेटर बदलने पर उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स बदलने की जरूरत नहीं रहेगी। डीटीएच सेवा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अब इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की नीति के अनुरूप होगी।
मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देश जारी करेगा जिसके बाद ये फैसले प्रभावी होंगे।
डीटीएच ऑपरेटरों को अब 10 साल के बदले सीधे 20 साल के लिए लाइसेंस दिया जायेगा। बीस साल पूरे होने के बाद 10-10 साल के लिए लाइसेंस इसे रिन्यू किया जा सकेगा।
डीटीएच सेवा प्रदाताओं के लिए लाइसेंसे शुल्क में भी कटौती की गई है। अब तक सकल राजस्व का 10 प्रतिशत लाइसेंस शुल्क के रूप में देना होता था। अब सकल राजस्व में से जीएसटी घटाने के बाद शेष राशि का आठ प्रतिशत लाइसेंस शुल्क के रूप में देय होगा। शुल्क संग्रह सालाना की बजाय तिमाही किया जायेगा।
नये दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोई भी सेवा प्रदाता के पास जितने चैनल दिखाने की क्षमता है उसके पाँच प्रतिशत से अधिक वह अपने प्लेटफॉर्म चैनल के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हर प्लेटफॉर्म सेवा यानी ऑपरेटर द्वारा संचालित चैनल के लिए 10 हजार रुपये का पंजीकरण शुल्क देना होगा।
सरकार ने फिलीपींस और अफगानिस्तान के साथ संशोधित वायु सेवा समझौतों के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।

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